लखनऊ।
जाने-माने समाजसेवी एवं पत्रकार अजय कुमार जायसवाल को प्रतिष्ठित ‘अटल सम्मान’ से सम्मानित किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेयी कन्वेंशन सेंटर में आयोजित एक समारोह में उन्हें यह सम्मान प्रदान किया। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन (25 दिसंबर) की पूर्वसंध्या पर हुए इस समारोह में उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक एवं केशव प्रसाद मौर्य के अलावा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और कई मंत्री व विधायक उपस्थित थे।
अजय कुमार जायसवाल ने शिवहरेवाणी से बातचीत में कहा कि निजी तौर पर मैं श्री अटल बिहारी वाजपेयी के काफी करीब रहा हूं, और अटलजी ने जब-जब लखनऊ से चुनाव लड़ा, मुझे बड़ी जिम्मेदारी सौंपी। लिहाजा अटलजी की स्मृति में सम्मान प्राप्त करना मेरे लिए बहुत खास हो जाता है। ‘अखिल भारतीय जायसवाल सर्ववर्गीय महासभा’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक जायसवाल और समस्त कार्यकारिणी ने अपने वरिष्ठ राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष अजय कुमार जायसवाल को बधाई देते हुए इसे संपूर्ण ‘कलवार, कलार, कलाल’ समाज का सम्मान बताया है।
पत्रकारिता के 55 वर्ष
लखनऊ में जन्मे और पले-बढ़े अजय कुमार जायसवाल (पुत्र स्व. श्री तुलसीराम जायसवाल) ने बीकॉम करने के बाद 1966-67 में प्रतिष्ठित हिंदी दैनिक “स्वतंत्र भारत” के साथ पत्रकारिता का सफर शुरू किया। शुरुआत बाजार भाव कॉलम लिखने से हुई और फिर क्राइम रिपोर्टिंग की। इसके बाद सांध्य दैनिक “तरुण भारत” मे संवाददाता के पद पर कार्य शुरू किया। इस दौरान क्राइम रिपोर्टर के रूप उन्होंने खासी ख्याति अर्जित की। लखनऊ के बहुचर्चित शमीम रहमानी कांड, सुजाता वरुण कांड, शुभ्रा लहरी हत्याकांड, मंशा राजपूत कांड जैसे अनेक सनसनीखेज घटनाओं पर उनकी खोजी रिपोर्टिंग ने क्राइम रिपोर्टिंग के क्षेत्र में एक बड़ी लकीर खींच दी। 1975 में अजय कुमार जायसवाल लोकप्रिय दैनिक ‘आज’ के लखनऊ ब्यूरो में मुख्य संवाददाता नियुक्त हुए। इस पद रहते हुए उन्होंने राजनीतिक घटनाक्रमों और जनहित के मुद्दों पर प्रभावशाली रिपोर्टिंग की। विश्वनाथ प्रताप सिंह जब मुख्यमंत्री बने और दस्यु उन्मूलन अभियान चलाया, उस समय अजय जायसवाल ने चंबल के बीहड़ों में जाकर मलखान सिंह, कामता सिंह, बाबू गुर्जर, लालाराम श्रीराम और फूलन देवी जैसे डाकूओं के इंटरव्यू लिए जो “माया”, “मनोहर कहानियां” और “सत्य कथा” जैसी देश की जानी मानी पत्रिकाओं में प्रमुखता से प्रकाशित हुए। मार्च 1986 में देश की जानी-मानी राजनैतिक पत्रिका “माया” में उत्तर प्रदेश ब्यूरो प्रमुख के पद पर नियुक्त हुए। पत्रकारिता में निष्पक्षता, खोजपूर्ण राजनीतिक रिपोर्टिंग के कारण पूरे देश में “माया” पत्रिका का वर्चस्व कायम हुआ। उन दिनों “मनोहर कहानियां” और “सत्यकथा” जैसी खोजपूर्ण पत्रिकाओं में “अजय अशोक” के नाम से 2,500 से अधिक खोजपूर्ण रिपोर्ट और सत्यकथाएं प्रकाशित हुई हैं। आप उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के सचिव रहे, इसके अलावा अनेक पत्रकार संगठनों मैं भी महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं। वर्तमान में आप देश के जाने-माने पत्रकार संगठन नेशनल यूनियन आफ जर्नलिस्ट से जुड़े हुए हैं। श्री अजय कुमार जायसवाल वर्तमान समय में देश के जाने-माने न्यूज़ पोर्टल “प्रभासाक्षी डॉट कॉम ” में उत्तर प्रदेश के “ब्यूरो प्रमुख” के पद पर कार्यरत हैं।
सामाजिक जीवन
अजय कुमार जायसवाल कलवार, कलाल, कलार समाज के उत्थान और उसे एक राजनीतिक शक्ति के रूप में स्थापित करने के लिए हमेशा प्रयासरत रहे। लखनऊ में कलवार (जायसवाल) समाज की तीन-तीन बड़ी राजनैतिक चेतना रैली कराने का श्रेय आपको जाता है। उन्होंने कलवार समाज की एक रैली के मंच पर प्रदेश के तीन प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रदेश अध्यक्षों को एकसाथ बिठाने का काम किया। वो 2 अक्टूबर, 1993 को लखनऊ में हुई ‘जायसवाल राजनीतिक चेतना रैली’ का मंच था, जिस पर समाजवादी पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव, भाजपा के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष कलराज मिश्र और कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष महावीर प्रसाद बैठे थे। परिणाम यह हुआ कि इस रैली बाद हुए आम चुनाव में पहली बार प्रदेश से समाज के तीन सांसद निर्वाचित हुए, वाराणसी से शंकर प्रसाद जायसवाल (भाजपा), चंदौली से जवाहर लाल जायसवाल (सपा) और कानपुर से श्री प्रकाश जायसवाल (कांग्रेस)। अजय कुमार जायसवाल वर्तमान में अखिल भारतीय जायसवाल सर्ववर्गीय महासभा के वरिष्ठ कार्यकारी अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश जायसवाल सर्ववर्गीय महासभा के संरक्षक तथा जायसवाल समाज लखनऊ के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी पूरी निष्ठा, लगन और इमानदारी से निभा रहे हैं।
परिवार
अजय कुमार जायसवाल का विवाह 19 वर्ष की आयु में (1964 में ) रामादेवी जायसवाल (अब स्वर्गीय )से हुआ। उनके एक पुत्र स्वदेश कुमार और दो पुत्रियां अर्चना और अर्पणा हैं। पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए स्वदेश कुमार ने भी 1986 में पत्रकारिता में प्रवेश किया। दैनिक “जागरण” मुख्य संवाददाता के पद पर नियुक्त हुए। वर्ष 2014 में उत्तर प्रदेश शासन ने राज्य सूचना आयुक्त के महत्वपूर्ण संवैधानिक पद पर नियुक्त किया। मुख्य सचिव के समकक्ष इस पद पर स्वदेश जी 5 वर्ष तक कार्यरत रहे! बड़ी बेटी श्रीमती अर्चना जायसवाल, बाराबंकी में प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत हैंl जबकि छोटी बेटी डॉक्टर अर्पणा जायसवाल आयुर्वेदिक कॉलेज लखनऊ में लेक्चरर हैंय़दामाद डॉक्टर संजय जायसवाल उत्तर प्रदेश सरकार में वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी के पद पर कार्यरत है। आपके दोनों पौत्र श्री श्रेय कुमार और श्री सानिध्य कुमार लखनऊ में ही बड़ी कंपनियों में उच्च पद पर तैनात है।
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