November 22, 2024
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समाचार

संजीव गुप्ता गिरफ्तार, पत्नी, साला और भतीजा भी अंदर

by Som Sahu August 01, 2017  Uncategorizedघटनाक्रम 1324

  • पुलिस ने आईपीसी की विभिन्न 13 धाराओ में किया है नामित
  • अपहरण की कहानी फर्जी थी, अधिक देनदारियों से परेशान था
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शिवहरे वाणी नेटवर्क

फिरोजाबाद।

करोड़ों की देनदारी से बचने के लिए अपहरण का ड्रामा रचने के चर्चित मामले में संजीव गुप्ता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया ह। संजीव का साथ देने के आरोप में उसकी पत्नी सारिका गुप्ता, साले सागर गुप्ता और भतीजे विकल्प गुप्ता भी गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इन लोगों पर आईपीसी की विभिन 13 धाराओं में नामित किया है।

बता दें कि 22 जुलाई को अचानक लापता हुआ बीसी कारोबारी संजीव गुप्ता 28 जुलाई को पानीपत के लग्जरी होटल स्वर्ण एक होटल में मिला था। इस बीच पुलिस महकमा उसकी तलाश में लगा रहा। इसी दरम्यान संजीव की पत्नी ने अपहरण की रिपोर्ट में एक महिला समेत तीन लोगों को नामजद कर दिया। लेकिन जांच आगे बढ़ने के साथ इस पूरे मामले का सच सामने आने लगा। फिर भी पुलिस मामले में ठोस साक्ष्यों पर ही आगे बढ़ना चाहती थी, यही कारण है कि संजीव को बरामद किए जाने और अपहरण के फर्जी होने के प्रबल संदेह के बावजूद जांच जारी रखने का निर्णय किया। जांच में ठोस साक्ष्य मिलने के बाद ही पुलिस ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए संजीव गुप्ता पुत्र श्री शांतिस्वरूप गुप्ता, उसकी पत्नी श्री सारिका गुप्ता, साला सागर गुप्ता पुत्र स्व. अरविंद गुप्ता निवासी आर्चिड ग्रीन और सारिका का भांजा विकल्प गुप्ता पुत्र जवाहर लाल गुप्ता निवासी धनबाद (झारखंड) को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस ने उक्त इन चारों लोगों को भारतीय दंड विधिन (आईपीसी की निम्न धाराओं में नामित किया हैः-

आईपीसी 419 प्रतिरूपण द्वारा छल

आईपीसी 420 छल और बेइमानॉ)

आईपीसी 467 कीमती एसेट्स, विल इत्यादि की कूटरचना

आईपीसी 468 धोखाधड़ी के लिए साजिश रचना

आईपीसी 469 ख्याति की क्षति पहुंचाने के लिए साजिश रचना

आईपीसी 471 फर्जी दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक अभिलेखों का असली के रूप में प्रयोग करना

आईपीसी 500 मानहानि

आईपीसी 507 अनाम सूचना से आपराधिक सनसनी फैलाना

आईपीसी 120-बी आपराधिक साजिश

आईपीसी 34 समान आशय को अग्रसर करने में कई व्यक्तियों की सांठगांठ

आईपीसी 182- दूसरे को क्षति पहुंचाने के लिए झूठी सूचना देना

आईपीसी 186- लोकसेवक के कार्य मे बाधा डालना

आईपीसी 187 लोकसेवक की सहायता नहीं करा, जबकि सहायता देन के लिए विधि द्वारा आबद्ध हो।

 

पुलिस की कार्रवाई के आधार                                                                   पुलिस की जांच में ऐसे तथ्य सामने आए हैं जिनसे अपहरण की कहानी झूठी प्रतीत होती है। पुलिस ने जांच में पाया कि होटल सागर रत्न के गार्ड और एडीफाई स्कूल के गार्ड के मुताबिक, संजीव गुप्ता अपहरण वाले दिन कार में अकेले ही थी, इसके अलावा ककरऊ मोड़ पर गौरव ट्रेडर्स के सीसीटीवी कैमरे में उस दिन संजीव गुप्ता बड़े आराम से अकेले ही अपनी गाड़ी सेंटाफी में जाते हुए देखा गया। अलीगढ़ में गवाना टोल प्लाजा से पहले पंक्चर की दुकान के मालिक का कहना है कि एक व्यक्ति अकेले ही आया था और गाड़ी यहां खड़ी कर गया. इसके अलावा पानीपत में होटल स्वर्ण महल के गार्ड का कथन कि उसने संजीव को आटो से अकेले उतरते देखा था और वह सीधे गार्ड रूम में आ गया। इसके अलावा संजीव गुप्ता उस दिन अपने साथ अपनी राइफल और ड्राइवर नहीं ले गए, जबकि वे आमतौर पर ऐसा नहीं करते हैं।

इसके अलावा सौ करोड़ रुपये की अव्यवहारिक फिरौती मांगना, बिना फिरौती दिए अचानक होटल स्वर्ण महल में पहुंच जाना, फिरौती के लिए व्हाट्सएप का इस्तेमाल करना, वॉयस कॉल न करना जैसे साक्ष्यों और परिजनों के हाव-भावों से पुलिस इस निष्कर्श पर पहुंची कि कहानी झूठी है  औऱ संजीव ने परिजनों के साथ मिलकर पूरी साजिश रची है। पुलिस का कहना है कि इन साक्ष्यों के साथ संजीव गुप्ता के पुनः बयान लिए गए तो उसने जुर्म कबूल कर लिया उसने बताया कि वह नीता पांडेय से बहुत परेशान था और इसके अलावा बीसी की बहुत अधिक देनदारी हो गई थी। उसने यह भी बताया कि अपने मोबाइल को अंतिम मैसेज करने क बाद कुचलकर पूरी तरह नष्ट कर दिया था, ताकि मोबाइल का कोई साक्ष्य न मिल सके।

 

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