आगरा।
औरैया के जालौन निवासी भानु महाजन (शिवहरे) 51 शक्तिपीठों और चारों धाम, कुल मिलाकर 11,501 किलोमीटर के लंबे सफर पर पैदल ही निकल पड़े हैं। 8 अगस्त को जालौन से चले भानु 11 दिन में करीब 230 किलोमीटर का सफर तय कर जन्माष्टमी की शाम को आगरा पहुंच गए हैं।
44 वर्षीय भानु महाजन ने शिवहरेवाणी को बताया कि 19 अगस्त की रात्रि को आगरा में विश्राम के बाद वह 20 अगस्त की सुबह वृंदावन के लिए प्रस्थान करेंगे, जहां वह अपनी इस यात्रा की पहली शक्तिपीठ ‘कात्यायनी देवी’ के दर्शन करेंगे। आगरा में वह सिकंदरा चौराहा स्थित ‘आगरा गेस्ट हाउस’ में ठहरे हैं।
जालौन के मोहल्ला मुरली मनोहर में ‘मां सावित्री स्वीट हाउस’ के नाम से मिठाई की दुकान एवं रेस्टोरेंट चलाने वाले भानु ने बताया कि उनका शेड्यूल जन्माष्टमी पर वृंदावन में पहुंचने का था लेकिन वह दो दिन लेट हो गए। पैर के छाले दिखाते हुए भानु कहते हैं कि उनका टारगेट हर दिन 20 से 25 किलोमीटर का रास्ता तय करने का है। सुबह 5-6 बजे चलना शुरू करते हैं, और शाम 5-6 बजे किसी ढाबे पर विश्राम करते हैं। ढाबे पर ही भोजन करते हैं, और वहीं चारपाई पर सो जाते हैं। सुबह नहा-धोकर फिर सफर शुरू जाता है। उनके साथ एक पिट्ठू बैग है जिसमें छह जोड़ी कपड़े, अंतःवस्त्र और पादुका होती है।
भानु महाजन को चारों धाम और 51 शक्तिपीठों के दर्शन करने हैं। इनमें से 9 शक्तिपीठ भारत से बाहर हैं। पाकिस्तान में एक ‘हिंगलाज शक्तिपीठ’, तिब्बत में एक ‘मानस शक्तिपीठ’, नेपाल में दो मंडली शक्तिपीठ और गुहोश्रृरी शक्तिपीठ, बांग्लादेश में चार सुगंध शक्तिपीठ, करतोया शक्तिपीठ, चट्टल शक्तिपीठ एवं यशोर शक्तिपीठ और श्रीलंका में एक लंका शक्तिपीठ के दर्शन का भी लक्ष्य है। लेकिन, इनमें वीजा की बाधा सकती है। वह भारत सरकार से इसके लिए आग्रह करेंगे। इसके अलावा केदारनाथ, बद्रीनाथ, अमरनाथ, गंगोत्री और रामेश्वर के दर्शन भी उनकी अभियान सूची में हैं। भानु ने बताया कि वह आगरा से वृंदावन जाएंगे और वहां से दिल्ली होते हुए जालंधर (पंजाब) पहुंचेंगे जहां वह जालंधर शक्तिपीठ के दर्शन कर वैष्णोदेवी की ओर प्रस्थान करेंगे। इस तरह वह पूरे भारत का भ्रमण करते हुए गया (बिहार) में अपने पूर्जवों को विदा कर इस यात्रा का समापन करेंगे।
भानु महाजन अपनी पत्नी सुमन और तीनों पुत्रों रितिक (18 वर्ष), शुभम (17 वर्ष), अभि (5 वर्ष) से दो साल की विदा लेकर आए हैं यानी अब उनसे दो साल बाद मिलेंगे। वीडियो कॉल पर रोज बातचीत होती रहेगी। उनके पीछे उनका पुत्र रितिक उनका मिठाई की दुकान और रेस्टोरेंट की देखरेख कर रहा है। इंटरमीडियेट शिक्षित भानु महाजन ने बताया कि पहले वह चार धाम की यात्रा करना चाहते थे, बाद में शक्तिपीठों के दर्शन भी इसमें शामिल कर लिए। वह चाहते हैं कि लोग अपने धर्म को समझने और सही मायने में उसका अनुपाल करने के लिए प्रवृत्त हो, और यदि वह किसी को इसके लिए प्रेरित कर सकें तो यही उनकी यात्रा की सफलता होगी।
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