उडुपी।
ब्रहमर्षि नारायण गुरु शक्तिपीठ के पीठाधीश श्री प्रवणानंद स्वामी ने कहा है कि कर्नाटक की भाजपा सरकार चाहे जितना जोर लगा ले, कलवार समाज की पदयात्रा को भटका नहीं सकती। सूबे के ऊर्जा मंत्री सुनील कुमार को उन्होंने चुनौती दी कि यदि उनमे आत्म-सम्मान है और अपने समुदाय को लेकर चिंतित हैं तो उन्हें तत्काल अपने पद से इस्तीफा देकर पदयात्रा में शामिल हो जाना चाहिए।
बता दें कि श्री प्रवणानंदजी स्वामी के नेतृत्व में निकली कर्नाटक के कलवार समाज (एडिगा, बिल्लवा, एजवा, गुट्टेदार, नामधारी, नाडर समेत 26 उपवर्ग) की पदयात्रा आज (12 जनवरी) उडुपी जिले के कुंडापुर कस्बे के निकट उल्लुर गांं पहुंच गई है जहां रात्रि विश्राम कर कल सुबह आगे के सफर पर रवाना होगी। इससे पहले उडुपी में पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्री प्रवणानंद स्वामी ने कहा कि ऊर्जा मंत्री सुनील कुमार कहते हैं कि मुख्यमंत्री इस बजट में नारायणगुरु निगम का ऐलान कर देंगे लेकिन पहले भी इस तरह का दावा पूर्व के मुख्यमंत्रियों द्वारा किया जाते रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि पदयात्रा केवल नारायणगुरु निगम की स्थापना को लेकर नहीं हो रही है बल्कि समुदाय की दस मांगों को लेकर हो रही है। सुनील कुमार समेत पूरी सरकार इस पदयात्रा को किसी भी तरह रोकने की कवायद में जुटी है लेकिन हम फ्रीडम पार्क तक पदयात्रा करके रहेंगे और कोई इसे भटका नहीं सकता।
बीती 6 जनवरी को मंगलुरु के कुदरौली मंदिर से यह पदयात्रा शुरू हुई थी और आज 12 जनवरी को पदयात्रा उडुपी पहुंच गई है। प्रतिदिन 20 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए यह पदयात्रा 40 दिन में 658 का सफर पूरा कर बंगलुरू के फ्रीडम पार्क पहुंचेगी जहां श्री प्रवणानंद स्वामी और पदयात्रा में शामिल अन्य लोग बेमियादी भूख हड़ताल शुरू करेंगे। फिलहाल, यात्रा बहुत अनुशासित तरीके से आगे बढ़ रही है। पदयात्रा में सबसे आगे तीन पंक्तियों में महिलाएं संगीत की धुन पर भजन करते हुए चल रही हैं जिसके बाद श्री प्रवणानंद स्वामी तथा अन्य समाजबंधुओं की टोली है। यात्रा के आरंभ में और अंत में समुदाय से जुड़ी आकर्षक झांकियां चल रही हैं। खास बात यह है कि पदयात्रा पूरी सड़क को वाहनों के लिए खाली छोड़ते हुए चल रही है और इस बात का पूरा ध्यान रखा जा रहा है कि कहीं भी यात्रा की वजह से ट्रैफिक संचालन में कोई दिक्कत नहीं हो। वालेंटियर्स इस बड़ी मुस्तैदी के साथ यह व्यवस्था बनाए चल रहे हैं। स्थानीय लोग जगह-जगह यात्रा का स्वागत कर रहे हैं। कुल मिलाकर यात्रा बहुत प्रेरक और सफल कही जा सकती है।
स्वामी श्री प्रणवानंदजी की प्रमुख मांगेः-
• ब्रह्मश्री नारायण गुरु निगम का गठन किया जाए जिसके बाद सरकार की ओर से इसे 500 करोड़ रुपये की अनुदान राशि प्रदान की जाए।
• प्रदेश में ताड़ी दोहन के व्यवसाय को अनुमति दी जाए, जोकि बिल्लवा, एडिगा और नामधारी समुदायों का पैतृक व्यवसाय है।
• सरकार एडिगा समुदाय द्वारा संचालित सिंगदूर चौदेश्वरी मंदिर की प्रशासन समिति के उत्पीड़न पर रोक लगाए। (आरोप है कि सरकार इस मंदिर के प्रबंधन को उच्च जातियों के हवाले करने का षडयंत्र रच रही है।)
• प्रदेश के प्रमुख केंद्रों और हर जिले में बिल्लवा समुदाय के लिए सामुदायिक भवन का निर्माण शुरू करे।
• आगामी विधानसभा चुनाव में दक्षिण कन्नड, उत्तर कन्नड, उडुपी, शिवमोगा जैसे तटीय जिलों में एडिगा, बिल्लवा, नामधारी समुदाय के लिए 14 सीटें आरक्षित की जाएं।
• बिल्लवा समुदाय का रिजर्वेशन कोटा बढ़ाया जाए। एक व्यापक सर्वे कराकर बिल्लवा समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल किया जाए। इससे पूरे समुदाय के राजनीतिक प्रतिनिधित्व में भी वृद्धि होगी।
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