गुना।
सिर्फ विद्या ही नहीं… विनय, दान और धर्म जैसे गुणों से परिपूर्ण व्यक्ति ही सही मायने में ‘सरस्वती-पुत्र’ कहलाने का पात्र होता है। आज बसंत पंचमी पर आपको एक ऐसे ही एक ‘सरस्वती पुत्र’ से मिलवाते हैं जो विद्या के दान से बच्चों को उनके सपने पूरा करने में मदद कर रहे हैं।
बात कर रहे हैं मध्य के गुना में शिवहरे कोचिंग सेंटर के संचालक श्री महेश शिवहरे की। श्री महेश शिवहरे मुख्य रूप से एमपीपीएससी (मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग) की परीक्षा की तैयारी बच्चों को कराते हैं। उनके पढ़ाए डेढ़ सौ से अधिक बच्चे मध्य प्रदेश की प्रशासनिक सेवाओं में अधिकारी बन चुके हैं। और, 1500 से अधिक बच्चे अन्य सेवाओं में जा चुके हैं। इन दिनों अपने कोचिंग सेंटर में सैकड़ों गरीब बच्चों को पटवारी भर्ती परीक्षा की तैयारी निःशुल्क करा रहे हैं। लेकिन, बात सिर्फ इतनी नहीं है। उनकी विनम्रता और दानशीलता भी काबिले-जिक्र है। श्री महेश शिवहरे ने नगर के दो वृद्धाश्रमों को गोद लेने का बीणा उठाया है, और इसके लिए वे अपने जैसे युवाओं से संपर्क कर एक टीम बनाने में जुटे हैं।
श्री महेश शिवहरे ने शिवहरेवाणी को बताया कि वह अपने जन्मदिन, और पर्व-त्योहारों पर अक्सर वृद्धाश्रमों में जाकर उनमें रहने वाले वृद्धों की सेवा करते रहे हैं। अब वह नगर के दोनों वृद्धाश्रमों को गोद लेना चाहते हैं। इसके लिए वह इस कार्य के इच्छुक युवाओं की एक टीम बनाने में जुटे हैं। उनका प्रयास ऐसे सक्षम लोगों को जुटाना है, जो वृद्धाश्रम में हर महीने एक दिन का भोजन अपनी ओर से करा सकें। उन्हें ऐसे 30 लोगों की तलाश है, और यह संख्या पूर्ण होने वाली है। इसके बाद दोनों वृद्धाश्रमों को गोद लेने की प्रक्रिया शुरू कर देंगे। उन्होंने बताया कि उनकी तलाश तेजी से पूरी हो रही है, कई समाजसेवी इस पुण्यकार्य के लिए स्वयं उनसे संपर्क कर रहे हैं।
गुना के हाट बाजार स्थित सुभाष कालोनी में ‘शिवहरे कुटीर’ निवासी श्री महेश शिवहरे ने बताया कि बच्चों को पढ़ाना उनका पहला शौक है। 2014 में एमपीपीएससी परीक्षा के जरिये उनका चयन वाणिज्यकर निरीक्षक के रूप में हो गया था, लेकिन उन्होंने सेवा में न जाकर शिवहरे कोचिंग सेंटर के नाम से अपनी कोचिंग शुरू की। अब तक सौ से अधिक बच्चे उनकी कोचिंग से पढ़कर पीएससी परीक्षा में सफल होकर अधिकारी बनने का अपना सपना पूरा कर चुके हैं। वहीं 1500 से अधिक बच्चे अन्य सेवाओं में जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि उनके कोचिंग सेंटर में 6-7 टीचर हैं। वर्तमान में उनके कोचिंग सेंटर में 150 बच्चे पीएससी की तैयारी कर रहे हैं और 250 बच्चे पटवारी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। पटवारी की क्लासेज पूरी तरह निःशुल्क रखी हैं क्योंकि इसके ज्यादातर अभ्यर्थी ऐसी बैकग्राउंड से आते हैं जहां कोचिंग की फीस दे पाना उनकी क्षमता में नहीं होता है। उन्होंने बताया कि पीएससी परीक्षा की तैयारी करने वाले बच्चों में भी जो फीस नहीं दे सकते, उन्हें वह निःशुल्क ही पढ़ाते हैं। बशर्ते उसमें संभावना होनी चाहिए। इसके लिए वह कोचिंग सेंटर में एक टेस्ट कंडक्ट कराते हैं, जिसमें पास होने पर ही बच्चे को कोचिंग में प्रवेश दिया जाता है।
गुना में हाट रोड पर किराना की दुकान चलाने वाले श्री राधेश्याम शिवहरे एवं श्रीमती आशादेवी शिवहरे के 39 वर्षीय पुत्र श्री महेश शिवहरे ने गुना के लोगों के बीच विशेष सम्मान अर्जित किया है। मां सरस्वती ने विद्या, दान, धर्म जैसी कृपाओं से उन्हें नवाजा है। ऐसे युवा एक अच्छे समाज के निर्माण की बुनियाद होते हैं। ग्वालियर की पायल शिवहरे उनकी धर्मपत्नी हैं जो उनके मिशन में उनका साथ दे रही हैं। डेढ़ वर्ष का एक बेटा है।
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