बहराइच।
उत्तर प्रदेश के छोटे से शहर बरहाइच के उदित जायसवाल गेट (ग्रेजुएट एप्टीट्यूट टेस्ट इन इंजीनियरिंग)-2023 परीक्षा में आल इंडिया टॉपर बन गए हैं। देश की शीर्ष शिक्षण संस्थानों में शामिल ‘आईआईटी धनबाद’ के छात्र उदित जायसवाल ने माइनिंग इंजीनियरिंग की स्ट्रीम में यह उपलब्धि हासिल की है। यानी अब उदित जायसवाल के लिए खनन क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों (पीएसयू) में आकर्षक जॉब के रास्ते खुल गए हैं।
बहराइच के टाइल्स एवं मार्बल व्यवसायी श्री पवन कुमार जायसवाल एवं गृहणी श्रीमती प्रीती जायसवाल के 21 वर्षीय पुत्र श्री उदित जायसवाल पढ़ाई में शुरू से ही होनहार रहे हैं। उन्होंने दसवीं तक की पढ़ाई बहराइच में ही की, और आगे की पढ़ाई के लिए लखनऊ चले गए। लखनऊ में रानी लक्ष्मीबाई कॉलेज से इंटरमीडियेट की परीक्षा पास की और प्रथम प्रयास में ही आईआईटी में एडमिशन की कामयाबी हासिल की। वह आईआईटी धनबाद से माइनिंग इंजीनियरिंग के फाइनल ईयर की पढ़ाई कर रहे हैं। उदित जायसवाल ने शिवहरेवाणी को बताया कि कुछ दिन पहले ही उनका कैंपस प्लेसमेंट प्रतिष्ठित कंपनी “पीडब्लूसी’ में बहुत अच्छे पैकेज पर हुआ है, जिसकी औपचारिकताएं ही शेष है। लेकिन, इससे पहले ही गेट-2023 के रिजल्ट ने जीवन को एक नई दिशा दे दी है। गेट परीक्षा में उन्हें पूर्णांक 1000 अंक में से 973 अंक प्राप्त हुए हैं। बता दे कि गेट परीक्षा में सफलता के साथ ही उदित जायसवाल के लिए खनन क्षेत्र के पीएसयू में जॉब के रास्ते खुल गए हैं। अब किसी भी पीएसयू में वेकेंसी निकलने पर उन्हें बस आवेदन करना है। उदित जायसवाल ने बताया कि आगे वह सिविल सर्विसेज (यूपीएससी) की तैयारी करने की भी सोच रहे हैं।
उदित जायसवाल के पिता श्री पवन कुमार जायसवाल यूं तो साधारण व्यवसायी हैं और मां श्रीमती प्रीती जायसवाल गृहणी हैं लेकिन बच्चों की शिक्षा पर उनका विशेष ध्यान रहा। उदित जायसवाल तीन भाई हैं। सबसे बड़े सुमित जायसवाल मथुरा के हिंदुस्तान कालेज से पासआउट सिविल इंजीनियर हैं और पिता के व्यवसाय को संभाल रहे हैं। दूसरे नंबर के भाई अमित जायसवाल सुल्तानपुर स्थित केएनआईटी से आईटी इंजीनियर हैं और दिल्ली में रहकर यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं। सबसे छोटे खुद उदित हैं, जिनकी सफलता को पूरा परिवार सेलिब्रेट कर रहा है।
उदित जायसवाल का युवाओं को संदेश यही है कि वे हमेशा अपनी रुचि के क्षेत्र में जाएं, और उसी में प्रयास करें। क्योंकि सफलता नियमित और निरंतर प्रयास से मिलती है और नियितता और निरंतरता के लिए रुचि का होना बहुत जरूरी है। ‘मैं स्वयं भी इसलिए सफल हुआ, क्योंकि पढ़ाई में मैंने हमेशा नियमितता और निरंतरता रखी।‘
Leave feedback about this