November 22, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाचार समाज

महज 22 साल की उम्र में पीएचडी करने वाली देश की पहली महिला बनी हैदराबाद की नैना जायसवाल

हैदराबाद। 
खेल और शिक्षा के क्षेत्र में कई कीर्तिमान स्थापित कर चुकीं हैदराबाद की नैना जायसवाल ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। वह महज 22 साल की आयु में पीएच़डी पूरी करने वाली देश की पहली महिला बन गई है। उसने आंध्र प्रदेश के राजामहेंद्रवरम में आदिकवि नन्नया विश्वविद्यालय से अपनी पीएचडी की है। 
आपको बता दें कि टेबल टेनिस में कई नेशनल और इंटरनेशनल स्पर्धाओं में  प्रभावशाली  प्रदर्शन करने वाली नैना जायसवाल के खाते में शिक्षा क्षेत्र में भी कई शानदार रिकार्ड हैं। मसलन उन्होंने 8 वर्ष की आय़ु में कैंब्रिज विश्वविद्यालय लंदन से 10वीं कक्षा पास की और ऐसा करने वाली एशिया की पहली लड़की बनीं। दस साल की उम्र में इंटरमीडियेट किया और 13 वर्ष की आयु में स्नातक कर लिया। कम उम्र की पत्रकारिता स्नातक बनने का रिकार्ड भी उनके नाम है। इसके बाद सबसे कम उम्र में स्नातकोत्तर करने वाली लड़की होने का रिकार्ड भी उनके नाम ही है। 16 वर्ष की आय़ु में उन्होंने पीएचडी में अपना नामांकन किया था। नैना कहती हैं. ‘मुझे बेहद खुशी है कि मैं पीएचडी करने वाली देश की सबसे कम उम्र की महिला बन गई हूं।’उनकी थीसिस का विषय है, ‘तेलंगाना राज्य के महबूबनगर जिले के संदर्भ में महिला सशक्तिकरण में माइक्रोफाइनेंस की भूमिका पर एक अध्ययन’। 
नैना ने बताया कि उन्होंने यह शोध महबूबनगर जिले में किया है। यह स्वयं सहायता समूहों और माइक्रोफाइनेंस के बारे में था। उनका कहना है कि महिला सशक्तिकरण और इस तरह के अन्य विषयों में उनकी बहुत दिलचस्पी थी। उन्होंने अपने माता-पिता और अपने गाइड की मदद से इस विषय को चुना है। भारत जैसे विकासशील देश में माइक्रोफाइनेंस की भूमिका और महत्व गरीबी उन्मूलन, रोजगार सृजन और महिला सशक्तिकरण की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। अपने शोध में उनका निष्कर्ष यह निकला कि महिलाओं को विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में माइक्रोफाइनेंस से लाभ हुआ है।” 
नैना के पिता श्री अश्वनी जायसवाल और मां श्रीमती भाग्यलक्ष्मी जायसवाल बेटी की सफलता से बेहद खुश हैं। नैना जायसवाल अपनी सफलता का श्रेय उन्हीं को देती हैं। खास बात यह है कि नैना ने बचपन से ही होम स्कूलिंग की है। वह कहती हैं कि मैंने शिक्षा, खेल या संगीत में जो कुछ भी हासिल किया है, वह सब पेरेंट्स की वजह से है। अब नैना ने सिविल सर्विसेज को अपना अगला लक्ष्य बनाया है। हालांकि फिलहाल उनका फोकस टेबल टेनिस पर भी है और राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करना चाहती हैं। आपको बता दें कि नैना का छोटा भाई अगस्त्य भी विलक्षण प्रतिभा का धनी है। बहन की तरह उसने भी बहुत कम आयु में हाईस्कूल, इंटरमीडियेट औऱ स्नातक की डिग्री लेने का रिकार्ड कायम किया है। 

 

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