November 21, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
शख्सियत

विजय भाईः एक संपूर्ण व्यक्तित्व

by Som Sahu July 12, 2017  Uncategorizedघटनाक्रमशख्सियत 321

सोम साहू

श्री विजय शिवहरे से मेरी पहली मुलाकात 2011 में हुई थी, जब शिवहरे वाणी के पहले अंक के प्रकाशन के सिलसिले में मैं उनसे मिला। उस समय वह सिर्फ एक नेता थे, वरिष्ठ भाजपा नेता। भारतीय जनता युवा मोर्चा यानी भाजयुमो के विभिन्न जिम्मेदार पदों पर रह चुके थे। फिलहाल भाजपा में कोई बड़ी जिम्मेदारी उनके पास नहीं थी। फिर भी भाजपा के प्रमुख नेताओं में उनका शुमार उस समय भी होता था। 2012 के विधानसभा चुनाव होने वाले थे और आगरा शहर की सीट से उनके नाम की चर्चाएं थीं।

मैंने अपना परिचय श्री विजय शिवहरे जी को दिया।  पहली मुलाकात में श्री विजय शिवहरे ने जो गर्मजोशी दिखाई, वह आशातीत थी। करीब एक घंटे बातचीत हुई। उन्होंने खुशी जाहिर की कि शिवहरे समाज का एक व्यक्ति पत्रकारिता में तरक्की कर रहा है। बातचीत के बाद जब मोती पैलेस होटल से लौटा, तो एक अच्छे व्यक्ति और व्यक्तित्व से मुलाकात के खुशनुमा अहसास के साथ। लेकिन, शंका भी थी। कहीं यह सह्रदयतायह गर्मजोशी सिर्फ इसलिए तो नहीं कि मैं एक लीडिंग न्यूजपेपर का वरिष्ठ पत्रकार हूं! एक नेता और पत्रकार बीच रिश्ते अक्सर ऐसे ही होते है..बहुत प्रगाढ़ से लगने वाले दिखावटी और अस्थायी। खैर, इस मुलाकात के बाद मैं शिवहरे समाज के कई अन्य लोगों से भी मिला। कइयों के साथ बातचीत में श्री विजय शिवहरे का जिक्र आया। कई लोगों ने तारीफ कीतो कई ऐसे भी रहे जिन्होंने उनकी जमकर बुराइयां कीं, जाने क्या-क्या । मैंने मन ही मन उन बुराइयों के बिंदु नोट किए। और, विजय शिवहरे से अगली मुलाकातों में इन बिंदुओं पर पुष्टी करने का प्रयास किया। इसके लिए मैंने जानबूझकर उन लोगों का जिक्र बार-बार श्री विजय शिवहरे से किया । बड़े कमाल की बात थीकिसी भी व्यक्ति के खिलाफ या उसकी बुराई का एक शब्द भी कभी उनके मुंह से नहीं निकला, जबकि यह जानकारी उनको थी कि फलां व्यक्ति उनकी बुराई करता है, और क्या-क्या कहता है। हर बार की मुलाकात में उनकी सकारात्मक सोच औऱ रवैये ने मुझे प्रभावित किया।

2012 के विधानसभा चुनाव के लिए टिकटें फाइनल हो गईं थीं, श्री विजय शिवहरे को टिकट नहीं मिली थी। इसे लेकर पूरे शहर में चर्चा थी। मैं श्री विजय शिवहरे से मिलने पहुंचा, मोती पैलेस में। पहली बार उनके चेहरे पर थकान नजर आई। आवाज में वो गर्मजोशी नहीं थी, लहजा भी बुझा-बुझा था। मैंने उन्हें टिकट न मिलने का अफसोस जाहिर किया। यह वह वक्त था जब टिकट से वंचित कई भाजपा नेता सपा और दूसरे दलों में शामिल हो रहे थे। मुझे भी लगता था कि विजय भाई को अब पार्टी बदल लेनी चाहिए, जब पार्टी उन्हें नजरअंदाज कर रही है, तो वह उसके लिए क्यों खप रहे हैं। सपा में जाने को लेकर कई भाजपा नेताओं के बारे में अटकलें थीं लेकिन इनमें विजय शिवहरे कहीं नहीं थे। कुछ दिनों बाद वह भाजपा में पहले की तरह पूरे मनोयोग से सक्रिय नजर आए। इस बीच मैंने अमर उजाला रिजाइन कर दिया और आगरा के नए लोकल अखबार में आ गया। अब मेरी दूसरी शंका दूर होने की बारी थी। एक लीडिंग न्यूजपेपर में नहीं होने पर भी मुलाकात में उनकी गर्मजोशी वही पुरानी वाली रही। तसल्ली हुई कि हमारे संबंध पत्रकार और नेता वाले नहीं है, बल्कि ब्रांड-प्रूफ हैं। किसी भी रिश्ते की यह ब़ड़ी उपलब्धि होती है, खासकर एक पत्रकार के लिए।

आज श्री विजय शिवहरे भाजपा के आगरा महानगर अध्यक्ष हैं। और, इसमें कोई दो राय नहीं कि उन्होंने आगरा में खुद को भाजपा का सबसे लोकप्रिय, सबसे सक्रिय और सबसे चर्चित महानगर अध्यक्षों में शुमार कराया है। बेशक महानगर अध्यक्ष राजनीति में कोई बहुत बड़ा मुकाम नहीं होता और किसी भी नेता के राजनीतिक सफर की मंजिल नहीं हो सकता। लेकिन, मेरे पैमाने पर वह बड़े नेता हैं क्योंकि मैं उनमे वे तमाम गुण देखता हूं जो एक बड़े नेता में होते हैं, या होने चाहिए। मसलन धैर्य जिसका जिक्र मैं कर चुका हूं, किस तरह उन्होंने हताशा और निराशा से खुद को उबारा है। उनके संकल्प की दृढ़ता भी कायल करती है। आज वह जिस पद पर हैं, वह उनके संकल्प की दृढ़ता का ही परिणाम है। सकारात्मक सोच जो उन्हें किसी की बुराई से दूर रखती है और अपने काम पर फोकस करने को प्रेरित करती है। संवेदनशीलता जो कार्यकर्ताओं को उनके नजदीक लाती है। ये सभी गुण सफलता की गारंटी है। चाहे कोई व्यक्ति राजनीति में हो, या किसी व्यापार या नौकरी में, यदि इन गुणों से समृद्ध है तो उसका आगे बढ़ना सुनिश्चित है।
आज जब श्री विजय शिवहरे के जन्मदिन पर यह आलेख शिवहरे वाणी पोर्टल पर पोस्ट करने के लिए लिख रहा हूं, तो कहना चाहूंगा कि शिवहरे वाणी पत्रिका और अब शिवहरे वाणी पोर्टल को आगे बढ़ाने में जो महत्वपूर्ण भूमिका श्री विजय. शिवहरे की रही है, उसे मैं कभी भुला नही सकता। मेरे पास ऐसे शब्द नहीं है जो इसके लिए उनके प्रति मेरी कृतज्ञता को सटीक अभिव्यक्ति दे सकें। श्री विजय शिवहरे को उनके जन्मदिवस की बधाई देता हूं और उनकी तरक्की की कामना करता हूं।

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