by Som Sahu July 28, 2017 Uncategorized, घटनाक्रम 723
गले तक कर्ज में डूबा था, देनदारियों से बचने के लिए रची कहानी
शिवहरे वाणी नेटवर्क
आगरा।
शातिर संजीव गुप्ता पानीपत में पुलिस के हाथ आने के बाद भी ड्रामा करने से बाज नहीं आया। पहले तो वह रो-रोकर खुद का अपहरण किए जाने की कहानी बताता रहा लेकिन जब पुलिस ने क्रास सवाल किए तो कलई खुल गई। अंततः उसे हकीकत बतानी पड़ी। उसने बताया कि गले तक कर्ज में डूब चुका है और देनदारियों से बचने के लिए उसने यह नाटक रचा था।
संजीव ने शुक्रवार को दोपहर करीब दो बजे पानीपत में हाइवे स्थित होटल स्वर्ण महल से अपनी पत्नी सारिका को फोन कर खुद के पानीपत मे होने की जानकारी दी। उस समय पुलिस घर में ही बैठी थी। आनन-फानन में पुलिस ने पानीपत पुलिस को फोन किया और वहां से पुलिस ने उसे हिरासत मे ले लिया। उधर संजीव की तलाश मे एनसीआर क्षेत्र में दौड़ रही एसटीएफ की टीम भी कुछ देर मे पानीपत पहुंच गई। जानकारी के मुताबिक, पहले तो संजीव ने पुलिस को रो-रोकर अपने अगवा होने की कहानी बताई। लेकिन जब एसटीएफ ने उसे सवाल-जवाब किए तो वह टूट गया और पूरी कहानी बयान कर दी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पानीपत के होटल स्वर्ण महल के कर्मचारी ने बताय कि दोपहर को एक शख्स बदहवास हालत में उनके पास पहुचा। उसकी शर्ट के बटन खुले हुए थे। उसने बताया कि वह फिरोजाबाद से है और उसका अपहरण हो गया था। वह किसी तरह बदमाशों के चंगुल से छूटकर वहां पहुंचा है। संजीव ने उक्त होटल कर्मचारी से अपने घर बात कराने का अनुरोध किया तो होटल कर्मी ने उसकी बात फिरोजाबाद मे उसके घर करा दी। थोड़ी देर में पुलिस वहां आ गई और संजीव को ले गई।
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