शिवहरे वाणी नेटवर्क
फिरोजाबाद
हे गणपति..इस भू-लोक के नादान प्राणियों को माफ करना…ये सब बल, बुद्धि और विद्या से हीन हैं और, इसीलिए आपके इंद्रलोक गमन करते ही आपके अवशेषों को इस कदर अपमानजनक स्थिति में इन्होंने छोड़ दिया। कुछ गलती प्रशासनिक इंतजामों की भी रही। लेकिन हम आपसे माफी मांगते हैं…इन सबको माफी दे दीजिए।
कुछ यही प्रार्थना करते हुए फिरोजाबाद के गणेश सेवा समिति के सदस्यों ने बीते दो दिनों में यमुना किनारे कीचड़ में पड़ी खंडित प्रतिमाओं को वहां बने तालाब में सही तरीके से विसर्जित किया। हालत यह थी कि इस काम को अंजाम देने में पूरे दो दिन लग गए। इस अभियान का नेतृत्व सुगम शिवहरे और पंकज गुप्ता ने किया। सुगम शिवहरे ने ही फीरोजाबाद में गणपति स्थापना की परंपरा की नींव डाली थी। फिरोजाबाद में कान वाले गणेशजी की सबसे पुरानी परंपरा है जिसे शुरू करने का श्रेय सुगम शिवहरे को ही जाता है। शिवहरे समाज एकता परिषद की फिरोजाबाद इकाई के वरिष्ठ पदाधिकारी सुगम शिवहरे ने शिवहरे वाणी को बताया कि प्रशासन ने गणपति विसर्जन के लिए यमुना किनारे जिस तालाब का इंतजाम किया था, वह हजारों प्रतिमाओं को देखते हुए काफी छोटा था और पानी भी बहुत कम था। इसके चलते विसर्जन के बाद हालत बिगड़ गई और गणेशजी की प्रतिमाएं बेहद अपमानजनक स्थिति वहां पड़ी हुई थी। इसकी जानकारी मिलने पर वह अपने साथियों के साथ वहां पहुंचे, और विसर्जन अभियान चलाने का फैसला किया। अभियान में पंकज गुप्ता के अलावा देशदीपक राजा , दीपक, आनंद गुप्ता , रामू गुप्ता, विक्रम शिवहरे किशोर शिवहरे प्रमोद शर्मा , दीपक गोलश, शिवम अग्रवाल, विकी, सौरभ झा , लाला गुप्ता का विशेष सहयोग रहा।
सुगम शिवहरे ने बताया कि अगले बरस से वह मिट्टी के गणेशजी की स्थापना का व्यापक अभियान चलाएंगे। कोशिश होगी कि इन प्रतिमाओं में प्राकृतिक रंगों का प्रयोग किया जाए, ताकि इनका विसर्जन यमुना मैय्या में किया जा सके और यमुना का पानी दूषित होने की संभावना नहीं रहे।
समाचार
हे गणपति..इन बुद्धिहीनों को माफ करना
- by admin
- October 29, 2016
- 0 Comments
- Less than a minute
- 8 years ago


Leave feedback about this