कोलकाता।
कोलकाता की होनहार तीरंदाज अदिति जायसवाल ने एशिया कप ट्रायल में धमाकेदार प्रदर्शन कर न केवल एशियन गेम्स-2023 के लिए, बल्कि बर्लिन में होने वाली वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए भी भारतीय राष्ट्रीय तीरंदाजी टीम में अपनी जगह पक्की कर ली है। लेकिन, इससे पहले उन्हें जून में कोलंबिया मे होने वाले आर्चरी वर्ल्ड कप (स्टेज-4) में भाग लेना है जिसके लिए वह तैयारियों में जुटी हैं। अदिति को विश्वास है कि एशियाड गेम्स में अपने डेडिकेशन से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर देश को पदक दिलाएंगी।
पश्चिम बंगाल में उत्तरी 24 परगना जिले के बगुइयो की रहने वाली 20 वर्षीय अदिति जायसवाल एक मध्यमवर्गीय परिवार से हैं। उनके पिता राजकुमार जायसवाल कबाड़ व्यवसायी हैं, जबकि मम्मी उमा देवी गृहणी हैं। अदिति जायसवाल ने बताया कि उसका बड़ा भाई आदर्श जायसवाल को तीरंदाजी का शौक था, और उन्हीं के नक्श कदम पर चलते हुए उसने 2013 में पहली बार तीर-कमान थामा था। हालांकि आदर्श ने तो तीरंदाजी छोड़कर पढ़ाई पर फोकस कर लिया और वर्तमान में इंजीनियरिंग कर रहा है, लेकिन हठी स्वभाव की अदिति ने एक बार कमान थामी तो निशाने पर निशाने लगाते चली गई। पहले अदिति के पास लकड़ी की बनी इंडियन कमान थी लेकिन उसकी प्रतिभा को देख उसके स्कूल (महादेवी बिड़ला शिशु विहार) ने प्रलोभन दिया कि यदि वह कोई नेशनल मैडल जीतकर लाएगी तो उसे विदेशी कमान स्कूल की ओर से गिफ्ट किया जाएगा। एक साधारण मध्यमवर्गीय परिवार की लड़की के लिए इंपोर्टेड कमान बहुत बड़ी बात थी, जिसकी कीमत भारत में 3 लाख रुपये से कम नहीं होती है। विदेशी कमान हासिल करने के लिए अदिति ने कड़ी मेहनत की। 2017 की नेशनल चैपियनशिप में अदिति ने शानदार निशाने लगाए लेकिन बहुत मामूली अंतर से कांस्य पदक से चूक गई। इसके बावजूद उसके स्कूल ने कोरिया में बनी रिकर्व वियाविस कमान उसे गिफ्ट की।
अदिति जायसवाल अब कोलकाता के सेंट जेवियर्स कालेज से इकोनॉमिक्स से बीए ऑनर्स कर रही है। लेकिन आज भी उसके कमान की मरम्मत और उसके पार्ट्स को बदलवाने में उसका स्कूल हर तरह की मदद करता है। इस इंपोर्टेड कमान ने अदिति के करियर की दिशा बदल दी और वह आगे बढ़ती गई। लॉकडाउन में भी वह इसी रिकर्व कमान से घर के पास सड़क पर प्रेक्टिस करती रही। राहगीर उसे मजाक में पुलिस से डराते थे, लेकिन वह प्रेक्टिस में जुटी रहती थी। पिछले डेढ़ साल से वह जाने-माने तीरंदाज डोला और राहुल बनर्जी की अकादमी में ट्रेनिंग ले रही है। अदिति के कोच राहुल कहते हैं कि अदिति की सबसे शानदार क्वॉलिटी यह है कि हवा के खिलाफ बहुत अच्छे निशाने लगाती हैं। जम्मू में भी इसकी सराहना हुई थी। अदिति कहती हैं, “राहुल दा और डोला दीदी के साथ अभ्यास करने के बाद उसके स्कोर में 30 की वृद्धि हुई। मेरा पाउंडेज (शूटिंग के दौरान कोहनी की स्थिति का संकेतक) 38 है। विश्वकप से पहले यह 40 होना चाहिए। इसके लिए वह रोज कम से कम सात घंटे प्रेक्टिस करती हैं। विश्व कप के बाद एशियाई खेलों के लिए एक और ट्रायल होगा और उसके लिए भी तैयारी चल रही है।
अदिति की उपलब्घियां
आल इंडिया यूनीवर्सिटी आर्चरी चैंपियनशिप, मोहाली (फरवरी, 2022) में गोल्ड और सिल्वर जीता
वेस्ट बंगाल स्टेट आर्चरी चैंपियनशिप में गोल्ड मैडल हासिल किया
सीनियर नेशऩल आर्चरी चैंपियनशिप, जम्मू (मार्च, 2022) में कांस्य पदक जीता
बता दें कि हाल में जम्मू में राष्ट्रीय तीरंदाजी चेंपियनशिप हुई थी जिसमें अदिति ने कांस्य पदक जीता। इसी स्पर्धा के आधार पर राष्ट्रीय टीम का चयन होता है। इस स्पर्धा के टॉप 12 तीरंदाजों और देश के चार सर्वश्रेष्ठ प्रतियोगियों का ट्रायल हुआ और इनमें से टॉप आठ प्रतियोगियों को चुना गया। इसके बाद इन आठ तीरंदाजों को एक दूसरे के खिलाफ खिलाया गया और इनमें पहले चार को सीधे विश्व कप और एशियाई खेलों के लिए चुना गया। बंगाली गर्ल अदिति ने इन्हीं ट्रायल्स में शीर्ष महिला तीरंदाज दीपिका कुमारी को पीछे छोड़कर इस टीम में अपनी जगह बनाई है। बता दें कि एशियाड गेम्स-2023 चीन के हांगझाऊ में सितंबर-अक्टूबर में होने वाले हैं।
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