पटना।
बिहार में नीतीश कुमार ने अपने कैबिनेट का विस्तार कर सीमांचल से विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) डा. दिलीप कुमार जायसवाल को राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री बनाया है। माना जा रहा है कि डा. दिलीप कुमार जायसवाल को मंत्री बनाकर भाजपा ने एकसाथ कई निशाने साधे हैं।
2 मई 1963 को खगड़िया जिले के गोगरी में जन्मे डा. दिलीप कुमार जायसवाल ‘पूर्णिया-अररिया-किशनगंज’ विधान परिषद निर्वाचन क्षेत्र-23 से लगातार तीन बार जीत कर हैट्रिक लगा चुके हैं। दो दशक से वह किशनगंज के माता गुजरी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के निदेशक पद पर हैं। लगभग 15 वर्षों तक भाजपा के कोषाध्यक्ष पद पर रहने के साथ ही वर्तमान में भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी हैं। सिक्किम राज्य के भाजपा के प्रभारी के रूप में जिम्मेवारी भी उनके ऊपर है।
बेदाग छवि के डा. दिलीप कुमार जायसवाल सामाजिक कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। साथ ही अपने किशनगंज माता गुजरी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सीमांचल के हजारों लोगों का इलाज प्रति वर्ष कराते रहे हैं। वह स्वयं ही नहीं, बल्कि उनकी पत्नी श्रीमती इंदु जायसवाल, दोनों पुत्र इक्षित जायसवाल एवं दीक्षित जायसवाल और पुत्रवधुओं समेत पूरा परिवार सामाजिक सेवा कार्यों में बढ़-चढ़कर भागीदारी करता है। इसके चलते पूरे परिवार की क्षेत्र मे विशेष प्रतिष्ठा और सम्मान है। खास बात यह है कि भाजपा 2004 से किशनगंज लोकसभा सीट हारती आ रही है। 1999 में शहनवाज हुसैन यह सीट जीतने वाले अंतिम भाजपा प्रत्याशी थे। डा. दिलीप कुमार जायसवाल ने भी 2014 में लोकसभा चुनाव लड़ा था लेकिन 2 लाख 98 हजार 849 मतों से हार गए थे। मगर उन्होंने विधान परिषद में तीन बार जीत दर्ज कर क्षेत्र में भाजपा का परचम लहराए रखा।
सीमांचल क्षेत्र में आमतौर पर हर चुनाव में हिंदू मुस्लिम वोटर्स का ध्रुवीकरण देखा जाता है औऱ कलवार समेत समस्त वैश्य बनिया वर्ग खुलकर भाजपा के पक्ष में गोलबंद होते रहे हैं। इसी के इनाम के तौर पर जदयू-भाजपा गठबंधन की पिछली सरकार ने कटिहार के विधायक तारकिशोर प्रसाद को डिप्टी सीएम बनाया था जो कलवार समाज से आते हैं। लेकिन अपने रिश्तेदारों को लाभ पहुंचाने का आरोप लगने के बाद नेतृत्व ने उन्हें साइड कर दिया था। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि तारकिशोर प्रसाद को हटाने से आहत वैश्य-ओबीसी समाज को साधने के लिए भाजपा ने डा. दिलीप कुमार जायसवाल को मंत्री बनाया है, साथ ही यह उम्मीद भी है कि संगठन से जुड़े नेता को मंत्री बनाने से कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा। अब यह देखना रोचक होगा कि डा. जायसवाल को मंत्री बनाने का भाजपा का दांव आम चुनाव में कितना कारगर होगा, और क्या इससे बीस साल बाद किशनगंज सीट में कमल खिल पाएगा?
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