शिवहरे वाणी नेटवर्क
फीरोजाबाद।
फीरोजाबाद की शिवा गुप्ता (शिवहरे) ने मेडिकल एंट्रेंस टेस्ट में डबल धमाका िकया है। नीट-2019 में कामयाबी के बाद उन्होंने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की प्रवेश परीक्षा में भी शानदार सफलता हासिल की है। एम्स में उन्हें जनरल रैंक 1101 हासिल हुई है। बता दें कि एम्स के देशभर में 14 संस्थान हैं और उम्मीद है कि शिवा को चंडीगढ़, ऋषिकेश, भुवनेश्वर या रायपुर में प्रवेश मिल सकता है।
सुश्री शिवा ने नीट (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट) में 1192वीं आल इंडिया जनरल रैंक हासिल की है। नीट के माध्यम से भी किसी प्रतिष्ठित सरकारी मेडिकल कालेज में उनका एडमिशन होना तय है। शिवा को खुशी है कि उसने पापा का सपना पूरा कर दिखाया। अब उसका लक्ष्य कार्डियोलॉजिस्ट (ह्रदयरोग विशेषज्ञ) बनकर उन गरीबों की सहायता करने का है जो पैसों की कमी के चलते उपयुक्त उपचार नहीं करा पाते हैं।
फीरोजाबाद में महावीर नगर निवासी श्री संजय गुप्ता (शिवहरे) एवं श्रीमती रूपल शिवहरे की होनहार बेटी शिवा ने 2017 में इंटरमीडियेट की परीक्षा 90 प्रतिशत अंकों से पास की थी। शिवम मेडिकल स्टोर के संचालक संजय गुप्ता ने इसके बाद ही शिवा को मेडिकल की तैयारी के लिए कोटा भेज दिया। आज बेटी ने उनका सिर गर्व से ऊंचा कर दिया हे।
शिवहरे वाणी से बातचीत में शिवा ने कहा कि पापा खुद भी डाक्टर बनना चाहते थे, लेकिन किन्हीं कारणों से वह ऐसा नहीं कर पाए। पापा ने ही उसे डाक्टर बनने का सपना दिखाया, जो आज साकार हो गया। शिवा पापा को अपनी सबसे बड़ी इंस्प्रेशन (प्रेरणा) और मम्मी को सबसे बड़ी मोटीवेटर मानती है।
शिवा का कहना है कि समाज को ऐसे चिकित्सकों की जरूरत है जो बिना किसी लालच के पूरे सेवाभाव से मरीजों का उपचार करें। गरीब बीमार पड़ता है तो ठीक से उपचार नहीं करा पाता। शिवा ने सोचा है कि वह एमबीबीएस के बाद पीजी करेगी, फिर सुपर स्पेशलाइजेशन भी करना है। वह खुद की क्लीनिक खोलना चाहती है जहां दिन की एक निश्चित अवधि में गरीबों का निःशुल्क उपचार कर सके।
डाक्टर बनने का सपना देखने वाले स्टूडेंट्स के लिए शिवा गुप्ता की सलाह यह है कि मेडिकल एंट्रेंस परीक्षाओं की तैयारी एनसीईआरटी ओरियेंटेड हो, यानी फिजिक्स, कैमिस्ट्री और बायोलॉजी जैसे विषयों की तैयारी एनसीईआरटी की किताबों से करना बेहतर है। वह कहती हैं कि हम बाजार से नामी-गिरामी राइटर्स की मोटी-मोटी किताबें खरीद लेते हैं लेकिन एनसीईआरटी की किताबों के कंटेट्स बेजोड़ होते हैं।
फिलहाल नीट के बाद एम्स का रिजल्ट आने के बाद ही शिवा को एक बार फिर रिश्तेदारों और फ्रेंड्स के बधाई कॉल आ रहे हैं। छोटे भाई विभू को भी बहन की सफलता ने आईएएस बनने के उसके इरादे को मजबूती दी है, यह भरोसा भी दिलाया है कि कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है..बस उसे पाने में लग जाओ…दिल से।
Leave feedback about this