प्रयागराज।
प्रयागराज में जायसवाल समाज की ओर से हर साल आयोजित होने वाला सामूहिक विवाह एक परंपरा का रूप ले चुका है। यहां तक कि कोरोना संक्रमण का भय भी इस आयोजन में बाधा नहीं बन सका। कोरोना संक्रमण के चलते लागू देशव्यापी लॉकडाउन के बाद शायद यह पहला सामूहिक विवाह समारोह था।
बीते 8 दिसंबर को प्रयागराज के कटघर स्थित जायसवाल धर्मशाला में हुए इस आयोजन में कोरोना प्रोटोकॉल का पूरी तरह अनुपालन लिया गया। यहां तक कि नवविवाहित जोड़ों पर पुष्पवर्षा की जगह सेनेटाइजर की बरसात की गई। कार्यक्रम प्रभारी वरिष्ठ समाजसेवी श्री टीएन जायसवाल के निर्देशन में हुए इस समारोह में कोरोना के चलते बहुत कम लोगों को आमंत्रित किया गया था। इनमें वर और वधु पत्र के निकट संबंधियों के अलावा आयोजन समिति के लोग ही मौजूद थे।
कार्यक्रम प्रभारी टीएन जायसवाल के मुताबिक, यह लगातार 12वां सामूहिक विवाह समारोह था। शादी समारोह मंव फिजूलखर्ची रोकने और वधु पक्ष पर अनावश्यक आर्थिक बोझ नहीं डालने की मिसाल पेश करने के लिए इस आयोजन की शुरूआत की गई थी जो अब एक परंपरा बन चुकी है। इसके तहत विभिन्न आर्थिक तबकों की खासकर गरीब वर्ग की सैकड़ों कन्याओं के हाथ पीले किए जा चुके हैं। इसके तहत प्रत्येक जोड़े को घर-गृहस्थी के इस्तेमाल का सामान उपहार में दिया जाता है।
इस बार आयोजन इस मायने में खास रहा कि कोविड प्रोटोकॉल के बीच संपूर्ण रीति-रिवाज के साथ विवाह की रस्में अदा की गईं। सभी दस नवविवाहित जोड़ों को कोविड संबंधी एहतियातों की जानकारी दी गई। आयोजन समिति की ओर से दूल्हों और बारातियों को सेनेटाइजर का छिड़काव करने के बाद मास्क प्रदान कर उनका स्वागत किया गया। स्टेज से लेकर भोजन व्यवस्था तक, सभी जगह कोरोना को लेकर पूरा एहतियात बरता गया। अंत में नवदंपतियों को गृहस्थी के सामान के साथ विदा किया गया।
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