शिवहरे वाणी नेटवर्क
नई दिल्ली।
केंद्रीय लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की वर्ष 2021 की परीक्षा के सोमवार को घोषित अंतिम परिणाम में 5 कलचुरी युवाओं ने शानदार सफलता अर्जित की है। कार्तिकेय जायसवाल ने 35वीं रैंक हासिल की है, वहीं नरसिंहपुर (मध्य प्रदेश) के अंकित कुमार चौकसे (ऊपर दिया गया चित्र) ने 89वीं रैंक हासिल कर आईएएस बनने का सपना पूरा कर लिया है। इनके अलावा दिव्यांजलि जायसवाल ने 216वीं, दतिया के मृदुल शिवहरे ने 247वीं और आयुश कुमार शिवहरे ने 391वीं रैंक प्राप्त की है।
बता दें कि इस बार यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में इस बार 749 अभ्यर्थियों का चयन किया गया है। इनमें से 180 अभ्यर्थी भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), 37 अभ्यर्थी भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) और 200 अभ्यर्थी भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) चुने जाने हैं। इस तरह टॉप 417 अभ्यर्थियों का चयन इन सेवाओं में होना है। इस तरह चुने गए पांचों कलचुरी अभ्यर्थियों को इन तीनों प्रमुख सेवाओं में से किसी में चयन होना सुनिश्चित है। बता दें कि शिवहरेवाणी को अपने प्राथमिक सूत्रों से पांच अभ्यर्थियों के चयन की प्रथम सूचना प्राप्त हुई है, यह संख्या अधिक भी हो सकती है। शिवहरेवाणी का प्रयास रहेगा कि एक-एक कर हर सफल अभ्यर्थी से आपको रूबरू कराए।
फिलहाल, चर्चा करेंगे नरसिंहपुर के अंकित कुमार चौकसे की। अंकित जिस संघर्षपूर्ण दौर से गुजरे हैं, उसे देखते हुए उनकी कामयाबी और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है, जो उन लोगों के लिए एक मिसाल भी है जो असफलताओं के बहाने तलाशते है। नरसिंहपुर के करकबेल कस्बे में साइकिल पार्ट्स की दुकान चलाने वाले कृष्ण कुमार चौकसे और शिक्षिका श्रीमती पूनम चौकसे के होनहार पुत्र अंकित की उपलब्धि ने समाज को गौरवान्वित किया है। अंकित की कामयाबी दरअसल सीमित संसाधनों और ग्रामीण पृष्ठभूमि जैसी बाधाओं पर लगन और कठिन परिश्रम की जीत की दास्तान है। करकबेल कस्बे के युवाओं को अंकित की मिसाल तभी से दी जाने लगी थी जब उनका दाखिला आईआईटी कानपुर में हुआ जहां से मैकेनिकल एमटेक किया। अंकित ने सरस्वती शिशु मन्दिर करकबेल से प्राथमिक शिक्षा हासिल की और उन्होंने नवोदय से 12वीं की थी।
आईआईटी करने के बाद अंकित ने दो साल जयपुर में एक प्राइवेट नौकरी की। लेकिन, संकल्प तो सिविल सेवा में जाने का था, लिहाजा उन्होंने नौकरी छोड़कर दिल्ली में यूपीएससी की तैयारी करने का फैसला किया। एक साल तैयारी के बाद वह पहली बार यूपीएससी परीक्षा 2017-18 में बैठे और इंटरव्यू तक का सफर तय किया। हालांकि अंतिम चयन नहीं हो सका लेकिन अंकित ने हार नहीं मानी और दोगुने जोश से तैयारी शुरू की। 2019 की परीक्षा में उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में 500वीं रैंक हासिल की लेकिन यह आईएएस बनने का सपना पूरा करने के लिए यह नाकाफी थी। लिहाजा उन्होंने फिर 2021 की परीक्षा दी, और इस बार 89वीं रैंक हासिल कर अपने सपने को साकार कर ही लिया।
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