ग्वालियर।
ग्वालियर में तानसेन नगर स्थित मिलन गार्डन में चल रही रामकथा के पांचवे दिन शुक्रवार को स्वजातीय संत श्री अभिरामदासजी महाराज (श्री बाबूलाल शिवहरे, श्योपुर) ने राम विवाह और राम के वनगमन की कथाओं का भावुक वर्णन किया। सीता स्वयंवर का प्रहसन आया तो आगरा में आगामी 19 नवंबर को होने वाले कलचुरी युवक-युवती परिचय सम्मेलन का जिक्र भी हुआ। कथावाचक संतश्री ने सभी स्वजातीय बंधुओं से आगरा में शिवहरे समाज की ओर से होने वाले स्वजातीय ‘स्वयंवर’ में अपने विवाहयोग्य बच्चों की सहभागिता कराकर आयोजन की गरिमा बढ़ाने का आह्वान किया।
श्री अभिरामदासजी महाराज ने बताया कि आज शनिवार को कथा में वह राम के वनगमन, केवट संवाद, चित्रकूट आगमन के साथ ही हैहयवंशाधिपति भगवान श्री सहस्रबाहु अर्जुन की महिमा, जन्म, दत्तात्रेय के शिष्यत्व और रावण से उनके युद्ध का वर्णन करेंगे। इससे पूर्व बीते रोज शुक्रवार को राम-सीता का भावपूर्ण वर्णन हुआ। भगवान श्रीराम अहिल्या का उद्धार कर जनकपुरी में पधारे और सीता स्वयंवर की रंगभूमि में पहुंचे जहां बड़े से बड़े बलशाली राजा भी शिव-धनुष को हिला भी नहीं सके। वहां भगवान राम ने बड़े आसानी से शिवधनुष को उठाकर उसकी प्रत्यंचा को इस कदर खींचा का धनुष टूट गया। भगवान राम ने माता कौशल्या को किस तरह अपना विराट रूप दिखाया, उनके सौष्ठव शरीर में पूरा ब्रह्मांड माता कौशल्या को नजर आया। कथा के दौरान राम-सीता की आकर्षक झांकी ने श्रोताओं का मन मोह लिया। मंगलगान पर महिलाओं ने जमकर नृत्य किया।
हर कलचुरी का कर्तव्य है भगवान सहस्रबाहु की महिमा का प्रचार-प्रसार करेः पूर्णानंदजी महाराज
आज कथा में कलचुरी संत स्वामी पूर्णानंदजी महाराज की उपस्थिति बेहद खास रही। वह इंदौर से आए हुए हैं। उन्होंने कथा के दौरान अपनी प्रभावशाली शैली में भगवान सहस्रबाहु अर्जुन की महिमा का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि समय आ गया है जब सभी कलचुरी बंधुओं को अपने आराध्य भगवान श्री सहस्रबाहु अर्जुन की महिमा का अधिकतम प्रचार-प्रसार करना चाहिए। तभी कलचुरी समाज अपना मजबूत राजनीतिक अस्तित्व बना पाएगा। उन्होंने कहा कि सागर में इन दिनों संत रविदास का एक भव्य मंदिर 114 करोड़ की लागत से बन रहा है। इसका श्रेय अंततः संत रविदासजी के फालोअर्स को जाता है। इसी तरह छत्रपति शिवाजी, महाराणा प्रताप, बाबा साहेब अंबेडकर के प्रचार-प्रसार का श्रेय इनके फालोअर्स को ही जाता है और इसी कारण उनकी मजबूत राजनीतिक पहचान भी बनी है। इसी तरह कलचुरी समाजबंधुओं को भी भगवान श्री सहस्रबाहु अर्जुन की महिमा का प्रचार-प्रसार करना होगा, और उनके नाम पर एकजुट होना होगा ताकि लोग उनके वंशज कलचुरी समाज की क्षमता को जान सकें।
मिलन गार्डन में चल रही इस कथा में स्वजातीय श्रद्धालुओं की संख्या में हो रही निरंतर वृद्धि आयोजकों के साथ ही कथावाचक स्वजातीय संत का मनोबल भी बढ़ा रही है। कार्यक्रम संयोजक ‘कलचुरी महासंघ ग्वालियर’ ने सभी स्वजातीय बंधुओं ने अपने हैहय वंशाधिपति भगवान श्री सहस्रबाहु अर्जुन की कथा के श्रवण का पुण्यलाभ अर्जित करने का अनुरोध किया है। बता दें कि तानसेन नगर स्थित मिलन गार्डन में प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से सायं 5 बजे तक ‘रामकथा हनुमन्त कथा संग भगवान सहस्रबाहु अर्जुन कथा ज्ञान यज्ञ’ का आयोजन चल रहा है। आज 26 अगस्त को कथा का छठवां दिन है। कल रविवार को कथा का अंतिम दिन होगा और सोमवार को पूर्णाहुति के बाद भव्य भंडारे का आयोजन किया गया है।
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