देश हमें देता है सब कुछ, हम भी तो कुछ देना सीखें।
पथिकों को तपती दुपहर में, पेड़ सदा देते हैं छाया,
सुमन सुगंध सदा देते हैं, हम सबको फूलों की माला,
औरों का भी हित हो जिसमें, हम ऐसा कुछ करना सीखें।
झांसी।
जब भी हम देशभक्ति की बात करते हैं तो अक्सर हमारे जेहन में एक फौजी की तस्वीर उभरती है जो देश की सीमाओं की रक्षा मे तैनात है। लेकिन, हकीकत यह है कि हर वह नागरिक जो अपनी स्थिति में किसी न किसी रूप में देश की सेवा कर रहा है और उसकी संपदाओं का संरक्षण कर रहा है, वह सच्चा देशभक्त है। झांसी में कलचुरी समाज के लोगों ने इस बार स्वतंत्रता दिवस पर वृक्षारोपण कर अपनी देशभक्ति का इजहार किया।
वृक्ष को धरा का गहना कहा जाता है। लेकिन, हमारी पावन भारत भूमि में वनों के बढ़ते कटान ने पर्यावरण को खतरे में डाल रखा है। ऐसे में पर्यावरण को बचाने और उसको संरक्षण करने के हर प्रयास को देशभक्ति ही माना जाना चाहिए। इसी विचार से प्रेरित होकर कलचुरी कलार सर्ववर्गीय समाज झांसी ने स्वाधीनता दिवस पर सदर बाजार स्थित काली मंदिर प्रांगण में 31 फलदार और छायादार वृक्षों की पौध रोंपी।
कार्यक्रम का शुभारंभ संस्था के पदाधिकारियों व सदस्यों समेत कलचुरी समाजबंधुओं ने मंदिर में काली माता और बाबा भोले के दर्शन कर और भोग लगाकर किया। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित संस्था के संरक्षक श्री केएल राय ने अपने संबोधन में कोरोना महामारी के दौरान ऑक्सीजन के संकट का उल्लेख करते हुए कहा कि इसे देखते हुए संस्था ने 31 वृक्षों को लगाने का संकल्प लिया था जो आज पूरा हो गया है। अब इन सभी 31 पौधों की देखभाल करने और उन्हें वृक्षों में विकसित करना हमारा लक्ष्य है। इसके लिए मंदिर के पुजारी को इन पौधों को नियमित खाद-पानी देने की जिम्मेदारी दी गई है।
विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद संस्था के संरक्षक श्री कृष्ण मुरारी राय ने कहा कि पेड़-पौधों के बिना मनुष्य का जीवन खतरे में है। जिस दर से वृक्षों का कटार हो रहा है, उसके दोगुने अनुपात मे वृक्ष लगाए जाने की जरूरत है। उन्होंने समाजबंधुओं से अपील की कि हम सबको अपने जन्मदिन पर एक पेड़ लगाने का संकल्प लेना चाहिए, ताकि हमारा पर्यावरण सुरक्षित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्ष संस्था के अध्यक्ष श्री ह्रदेश राय ने की। संचालन जिला महामंत्री श्री भारत भूषण राय ने किया, श्री मनोज राय ने सभा का आभार व्यक्त किया।
इस दौरान सर्वश्री राधे राय, रामबाबू महाजन, भारत भूषण राय, प्रेम किशोर महाजन (बबलू), राजकुमार महाजन, मनोज राय, रज्जन बाबू राय, संतोष राय, राममिलन राय, राहुल शिवहरे, रामअवतार राय, सुभाष राय, सुनील राय, अतुल राय, संजीव राय, दिलीप राय, देवेंद्र राय, ब्रजकिशोर राय, रवींद्र राय, सत्येंद्र राय, विशाल राय, प्रिंस राय, चंद्रकांत राय, मुरारी राय, रवि राय, राजवर्धन राय, रामराजा शिवहरे आदि उपस्थित रहे।
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