April 13, 2025
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाचार

एसआईसी एजेंट के बेटे ने सपनों को दिए पंख..IITian संयम चौकसे ने जोमाटो का शानदार जॉब छोड़ FMS में लिया दाखिला

इटारसी।
आईआईटी (बॉम्बे) से बीटेक (मैकेनिकल) संयम चौकसे ने अपने सपनों को पंख देने के लिए जोमाटो (ZOMATO) की शानदार पैकेज वाली नौकरी छोड़ने में भी गुरेज नहीं किया। एक साधारण एलआईसी एजेंट के इस होनहार पुत्र ने नौकरी के दो साल बाद केट-2020 की परीक्षा दी और देश के चौथे शीर्ष प्रबंधन संस्थान ‘एफएमएस कॉलेज दिल्ली’ के एमबीए पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने में कामयाबी हासिल की है। एमबीए करने के पीछे संयम चौकसे का लक्ष्य ‘टाटा एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेज’ या अन्य प्रतिष्ठित बहुराष्ट्रीय प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रशासनिक स्तर की सेवा में जाने का है। 
मध्य प्रदेश के इटारसी में एलआईसी एजेंट श्री विनीत चौकसे के पुत्र संयम चौकसे को आईआईएम (लखनऊ) में भी दाखिला मिल गया था लेकिन उन्होंने एफएमएस (फेकल्टी ऑफ मैेनेजमेंट स्टडीज) कालेज  को चुना जिसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बहुत अच्छी रैंक है।  संयम ने 2019 में देश के शीर्ष संस्थान आईआईटी बॉम्बे से बीटेक (मैकेनिकल) किया था। जोमाटो कंपनी में उनका कैंपस प्लेसमेंट हुआ था। जोमाटो में वह छत्तीसगढ़ रीजन के असिस्टेंट मैनेजर के पद पर काम कर रहे हैं, और इसी दौरान उन्होंने केट की परीक्षा दी।
शुरू से ही पढ़ाई में अव्वल संयम चौकसे ने हाईस्कूल में 10 cgp प्राप्त की थी और 12वीं की परीक्षा 96 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण की। शिवहरेवाणी से बातचीत में संयम चौकसे ने बताया कि सिविल सर्विसेज के प्रति उनका कभी आकर्षण नहीं रहा, हालांकि उनके कई दोस्त आईएएस की तैयारी कर रहे हैं। लेकिन, उन्होंने टाटा एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेज या इस स्तर की जॉब को लक्ष्य बनाया है। 
पिता श्री विनीत चौकसे और चाचा श्री रजनीश चौकसे को अपना प्रेरणास्रोत बताते हुए उन्होंने कहा कि जोमाटो की जॉब छोड़ना एक मुश्किल फैसला था। लेकिन, पिता ने हौसला देते हुए कहा कि और पढ़ना चाहते हो तो अभी पढ़ लो, बाद में नौकरी में आगे बढ़ने के साथ पढ़ाई कर पाना मुश्किल होगा।  संयम ने कहा कि बीटेक के साथ एमबीए का कॉम्बिनेशन करियर को आगे बढ़ाने में काफी सहायक होता है। बड़ी कंपनियां प्रमोशन में इसे प्राथमिकता देती हैं।  
संयम चौकसे अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार को देते हैं। चौकसे का परिवार दादाजी श्री प्रभुदयाल चौकसे (रिटायर्ड गवर्नमेंट टीचर) और दादीजी श्रीमती कुसुम चौकसे की छत्रछाया में आदर्श संयुक्त परिवार के तौर पर रहता है। पिता श्री विनीत चौकसे की तरह चाचा श्री रजनीश चौकसे भी एलआईसी एजेंट हैं। संयम की माताजी श्रीमती कंचन चौकसे और चाची श्रीमती अंजू चौकसे गृहणी हैं, दोनों पोस्ट ग्रेजुएट हैं और इस नाते भी घर की देखभाल के साथ बच्चों की शिक्षा पर उनका पूरा फोकस रहता है।
संयम चौकसे का छोटा भाई सत्यम चौकसे एनआईटी भोपाल से आर्किटेक्चर की पढ़ाई कर रहा है, जबकि चचेरी बहन सुश्री ईशा चौकसे बीडीएस के अंतिम वर्ष में है। छोटी बहन खुशी चौकसे का रुझान सिविल सर्विसेज की ओर है। फिलहाल परिवार की तीन पीढ़ियां मिलकर संयम चौकसे की कामयाबी की खुशियां मना रही हैं। पिता श्री विनीत चौकसे ने भी बेटे की सफलता हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि 

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