November 22, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाचार

इसलिए जरूरी था सुरेशचंद्र शिवहरे का अभिनंदन…समाज के उज्ज्वल भविष्य की झलक

शिवहरे वाणी नेटवर्क
आगरा। 
आगरा में शिवहरे समाज की प्रमुख धरोहर मंदिर श्री दाऊजी महाराज में बीते दिनों हुए मेधावी छात्र-छात्रा सम्मान समारोह में वयोवृद्ध समाजसेवी श्री सुरेशचंद्र शिवहरे का अभिनंदन किया गया। हिंदी और अंग्रेजी के अलावा आठ विदेशी भाषाओं के जानकार श्री शिवहरे की शख्सियत युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा है जो व्यावसायिक और सामाजिक जीवन के प्रवेश-द्वार पर खड़ी है। 

शिक्षा ही सही मायने में समाज और व्यवसाय में व्यक्ति की प्रतिष्ठा और सफलता का आधार होती है। शिक्षा का अर्थ महज डिग्रियों से नहीं है, बल्कि स्कूल-कॉलेज, परिवार और समाज से प्राप्त ज्ञान और जीवन में उसके व्यवहारिक उपयोग से भी है। श्री सुरेशचंद्र शिवहरे ने स्नातक के बाद व्यावसायिक जीवन में प्रवेश किया और परिवार के पैतृक काम से हटकर पर्यटन व्यवसाय में कदम रखा। हिंदी और अंग्रेजी में वह पहले ही निपुण थे, लेकिन सिकंदरा स्मारक में अपना पहला इंपोरियम शुरू करने वाले श्री शिवहरे ने महसूस किया कि दुनियाभर के लोगों से बेहतर संवाद करने के लिए सिर्फ अंग्रेजी ही काफी नहीं है। बेशक दुनिया में अंग्रेजी सबसे ज्यादा समझी और बोली जाने वाली भाषा है लेकिन आज भी कई देश हैं जहां अंग्रेजी का उतना प्रचलन नहीं है। मसलन रूस, स्पेन, पोलैंड, जर्मनी, मैक्सिको, इस्राइल, चीन, जापान जैसे मुल्कों से आने वाले बहुत से पर्यटकों का आमतौर पर अंग्रेजी में हाथ तंग होता है, और इसी वजह से वह यहां अपने गाइडों द्वारा ठगी के शिकार हो जाते हैं।

श्री सुरेशचंद्र शिवहरे ने तब विदेशी भाषाओं को सीखने का प्रयास किया और बहुत कोशिशों के बाद वह आठ भाषाओं में संवाद करने में पारंगत हो गए। इसी ज्ञान से उन्होंने अपना कारोबार बढ़ाया और आगरा के चारों प्रमुख स्मारकों ताजमहल, किला, सिकंदरा और एत्माददौला में अपने इंपोरियम स्थापित किए। इस तरह पर्यटन उद्योग में उन्होंने अपनी खास पहचान बनाई। उनके भाषा ज्ञान का सबसे ज्यादा लाभ उन विदेशी पर्यटकों को हुआ जो गाइडों हाथों ठगे जाते रहे थे। एक तरह से गाइडों की ठगी बंद कर विदेशों में आगरा की छवि को बेहतर बनाने में योगदान भी दिया। सीखने की इसी ललक के चलते श्री सुरेशचंद्र शिवहरे ने सरकारी ठेकेदार के रूप में पीडब्लूडी के लिए 43 वर्षों तक कार्य किया। लोहे और वाइन के कारोबार में भी सफलता अर्जित की। और, बाद में रीयल एस्टेट के क्षेत्र में भी अपार अर्जित की। 

जहां तक सामाजिक जीवन की बात है कि आगरा में शिवहरे समाज की दोनों धरोहरों मंदिर श्री दाऊजी महाराज और राधाकृष्ण मंदिर की प्रबंध समितियों में उन्होंने विभिन्न पदों पर रहते हुए सामाजिक कार्यों में योगदान किया। श्री शिवहरे सामाजिक क्षेत्र में अपने बड़े भाई स्व. श्री जौहरीलालजी शिवहरे को आदर्श मानते हैं और वही उन्हें सामाजिक क्षेत्र में लेकर भी आए थे। दोनों मंदिरों के पुनर्निर्माण कार्य में उन्होंने तन, मन और धन से अपना योगदान किया। आज बढ़ती उम्र में सेहत संबंधी समस्याओं के बावजूद समाज में गतिविधियों में शरीक रहते हैं। 

समाज में उनकी छवि एक अनुशासित और न्यायप्रिय समाजसेवी की है और यही वजह है कि समाज के वरिष्ठ लोग सामाजिक कार्यों के सिलसिले में उनसे मुलाकात कर मार्गदर्शन प्राप्त करते हैं। वर्तमान में वह अपने पुत्र रवि शिवहरे, पुत्रवधु श्रीमती शिल्पी शिवहरे और दो नातियों आर्यन शिवहरे और अनुराग शिवहरे के साथ रहते हैं। आर्यन शिवहरे इस वर्ष इंटरमीडियेट की परीक्षआ देंगे, हाइस्कूल की परीक्षा उन्होने 90 प्रतिशत अंक से अत्तीर्ण की थी। पुत्र रवि शिवहरे भी पिता के नक्शे-कदम पर चलते हुए उनके व्यवसायों को और ऊंचाइयों पर पहुंचा रहे हैं। 

आगरा के सिकंदरा में 7 अगस्त, 1942 को जन्मे श्री तोताराम शिवहरे एवं श्रीमती चमेली देवी के सबसे छोटे पुत्र सुरेशचंद्र शिवहरे का विवाह 1962 में लोहामंडी निवासी स्व. श्री ईश्वरी प्रसाद शिवहरे की पुत्री कुसुम (रुकमणी) देवी से हुआ था। उनके इकलौते पुत्र रवि के अलावा पांच पुत्रियां हैं जो सभी विवाहित हैं। उनकी धर्मपत्नी श्रीमती रुकमणी देवी एक धार्मिक विचारों वाली मिलनसार और दयालु महिला थीं, जिन्होंने उन्हें सामाजिक कार्य प्रवृत्त किया। 8 फरवरी, 2006 को श्रीमती रुकमणी देवी का असयम निधन श्री सुरेशचंद्र शिवहरे के लिए एक बड़ा आघात था लेकिन प्राणवंत ऊर्जा से भरपूर श्री शिवहरे को ऐसे कठिन वक्त में पुत्र और पुत्रवधु की देखभाल ने बड़ा हौसला दिया, जिसके चलते वह सामाजिक क्षेत्र में आज भी उतने ही सक्रिय हैं। 

भाजपा के प्रदेश मंत्री श्री विजय शिवहरे ने मेधावी छात्र-छात्रा सम्मान समारोह में श्री सुरेशचंद्र शिवहरे के अभिनंदन पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि वह सही मायने में समाज की ओर से अभिनंदन के हकदार हैं। उन्होंने हमेशा से समाज की बेहतरी के लिए अपनी भूमिका का निर्वाह किया है। वह एक प्रेरक व्यक्तित्व हैं जो अपने संपर्क में आने वाले हर व्यक्ति को सकारात्मकता से सराबोर कर देते हैं।
मंदिर श्री दाऊजी महाराज प्रबंध समिति के अध्यक्ष श्री भगवान स्वरूप शिवहरे ने कहा कि श्री सुरेशचंद्रजी शिवहरे से उनका साथ बचपन से रहा है। सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर श्री सुरेशचंद्रजी की शख्सियत सामाजिक कार्यों में सक्रिय लोगों को प्रेरित करती है। उन्हें अपना बड़ा भाई बताते हुए भगवान स्वरूपजी ने कहा कि आज भी हमें सामाजिक क्षेत्र में जब कभी कोई उलझन होती है तो मार्गदर्शन के लिए श्री सुरेशचंद्रजी शिवहरे के पास जाकर उनका मार्गदर्शन प्राप्त करते हैं। 

मंदिर श्री राधाकृष्ण समिति के अध्यक्ष श्री अरविंद शिवहरे ने कहा कि श्री सुरेशचंद्रजी शिवहरे जैसी शख्सियतें नई पीढ़ी को सामाजिक कार्यों में आगे आने के लिए प्रेरित करती हैं। श्री सुरेशचंद्रजी ने समाज में कभी किसी पद या सम्मान की लालसा नहीं रखी, बल्कि सच्चे औऱ निःस्वार्थ भाव से समाज की सेवा करते रहे हैं। परिवार, मोहल्ला और समाज, सभी जगह की सम्मानित शख्सियत का अभिनंदन करने के लिए शिवहरे वाणी और शिवहरे समाज एकता परिषद बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं द्वारा ऐसे सम्मानित बुजुर्ग का अभिनंदन दरअसल शिवहरे समाज के उज्ज्वल भविष्य की एक झलक है। 

 

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