बाड़ी (धौलपुर)।
यूपीएससी के बाद सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक गिनी जाने वाली ‘जेईई एडवांस’ परीक्षा में बाड़ी (धौलपुर) के छात्र क्रिश शिवहरे ने पहले प्रयास में शानदार सफलता अर्जित कर परिवार और समाज का मान बढ़ाया है। क्रिश शिवहरे को प्रतिष्ठित आईआईटी धनबाद में बीटेक (कंप्यूटर साइंस) में एडमिशन मिला है।


बाड़ी में जोशीपाड़ा निवासी आबकारी ठेकेदार श्री अनुज शिवहरे (सोनू) और शासकीय अध्यापिका श्रीमती पायल शिवहरे के 17 वर्षीय होनहार पुत्र क्रिश शिवहरे ने ‘जेईई एडवांस’ परीक्षा में 99.78 पर्सेंटाइल प्राप्त किए हैं। उनकी ऑल इंडिया रैंक 5240वीं रही, जबकि ओबीसी रैंकिंग में 1021वें स्थान पर रहे। क्रिश की कामयाबी से पूरा परिवार बहुत खुश है, और उन्हें लगातार बधाइयां मिल रही हैं। दरअसल पिछले एक वर्ष में क्रिश शिवहरे ने एक के बाद कई उपलब्धियों से परिवार का नाम रोशन किया है। बीते माह राजस्थान बोर्ड का रिजल्ट घोषित हुआ जिसमें क्रिश ने 12वीं की बोर्ड परीक्षा मे 94 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे। इसी वर्ष उन्होंने एनडीए (राष्ट्रीय रक्षा अकादमी) की लगातार दो लिखित परीक्षाएं (वर्ष 2024 और वर्ष 2025) क्वालीफाई की थीं। हालांकि क्रिश ने आईआईटी को लक्ष्य बनाया था, लिहाजा एसएसबी में नहीं गए।


क्रिश शिवहरे ने 93 प्रतिशत अंकों के साथ 10वीं की राजस्थान बोर्ड परीक्षा उत्तीर्ण की थी। क्रिश शिवहरे की मम्मी श्रीमती पायल शिवहरे ने शिवहरेवाणी को बताया कि क्रिश शिवहरे पढ़ाई में शुरू से ही होनहार रहा है। दसवीं के बाद उसने राजस्थान के सीकर स्थित प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान ‘पीएसपी’ में एडमिशन के लिए पी-सेट परीक्षा दी, जिसमें क्रिश का शानदार रिजल्ट देख पीसीपी ने उसे सौ फीसदी छात्रवृत्ति प्रदान की। परिवार को केवल हॉस्टल की फीस देनी पड़ी। पीसीपी में क्रिश ने 11वीं और 12वीं की पढ़ाई के साथ-साथ आईआईटी की तैयारी की।


क्रिश शिवहरे ने शिवहरेवाणी को बताया कि वह प्रतिदिन 12 से 14 घंटे पढ़ाई करता था, जिसमें वह 12वीं की परीक्षा के साथ-साथ आईआईटी की तैयारी भी करनी होती थी। क्रिश ने बताया कि फिलहाल उसका पूरा फोकस बीटेक की पढ़ाई पर ही रहेगा, लेकिन बीटेक करने के बाद यूपीएससी परीक्षा जरूर देगा। आईएएस बनना उसका सपना है। क्रिश शिवहरे अपनी सफलता को अपने स्वर्गीय दादाजी श्री रमेशचंद शिवहरे ‘सरपंचजी’ और दादी मां श्रीमती राजेश्वरी देवी का आशीर्वाद मानते हैं। और, सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और गुरुजनों को देते हैं। वह अपनी बड़ी बहन सुश्री भूमि शिवहरे को प्रेरणास्रोत मानते हैं जो जयपुर में सीए की पढ़ाई कर रही है।
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