शिवहरे वाणी नेटवर्क
ग्वालियर।
मार्कण्डेय पुराण के ‘स्त्रिय समस्ता सकला जगत्सु’ के अनुसार नारी समाज शक्ति रूपा है। यह माना जाता है कि सभ्यता का शुभारंभ स्त्री ने किया। झोपड़ी स्त्री ने बनाई, अग्नि का अविष्कार उसने किया, और तो और कृषि का आरंभ भी स्त्री ने ही किया। लेकिन, इतना सब होने पर भी पुरुषवादी समाज में नारी को अबला क्यों समझा जाता है? क्यों उसके साथ भेदभाव होता है? उसका शोषण किया जाता है? और यह सब तब है, जब हमारे यहां नवरात्र के नौ दिनों में देवी के नौ रूपों को पूरे श्रद्धा भाव के साथ पूजा जाता है!
समाज की इसी दकियानूसी मानसिकता के खिलाफ एक अनोखी कोशिश की है ग्वालियर में #SareeNotSorry (साड़ीनॉटसॉरी) ग्रुप की संस्थापक रिचा शिवहरे ने। इसके अंतर्गत नवरात्र से पहले उन्होंने ग्रुप की अन्य महिलाओं के साथ दुर्गा के नौ रूपों का बहुत खूबसूरत फोटोशूट कराया है। शूट का उद्देश्य यह संदेश देना है कि वो देवी दुर्गा हो या कोई आम महिला, सब अपने-अपने रंग-रूप और क्षमताओं में पूर्ण सक्षम हैं। जब दुर्गा के विभिन्न रूपों में कोई भेदभाव नहीं होता तो समाज में आम महिलाओं के साथ भेदभाव कैसा? रिचा शिवहरे की इस परिकल्पना को साथ मिला मेकअप आर्टिस्ट आशा जेसवानी का।
आइये देखते हैं मां दुर्गा के नौ रूपों के फोटोशूट
1. शैल पुत्री- पर्वतराज हिमालय के यहाँ जन्म होने से इन्हें शैल पुत्री कहा जाता है। इनके पूजन से भक्त सदा धन-धान्य से परिपूर्ण पूर्ण रहते हैं। फोटोशूट में ग्रुप शांता बनर्जी ने शैलपुत्री का रूप धरा।
. ब्रह्मचारिणी- माँ दुर्गा का यह रूप भक्तों और साधकों को अनंत कोटि फल प्रदान करने वाली है। इनकी उपासना से तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार और संयम की भावना जागृत होती है। फोटोशूट में हनी धवन ने ब्रह्मचारिणी के रूप का साक्षात्कार कराया।
3. चंद्रघंटा- इनकी उपासना से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। वीरता के गुणों में वृद्धि होती है। स्वर में दिव्य अलौकिक माधुर्य का समावेश होता है, आकर्षण बढ़ता है। फोटोशूट में ग्रुप की करिश्मा जैन बनीं चंद्रघंटा।
4. कुष्मांडा- सिद्धियों, निधियों को प्रदान कर समस्त रोग-शोक दूर कर आयु व यश में वृद्धि करने वाली देवी। पूजा कुशवाह ने रूप ऐसा रूप धरा कि मानो साक्षात कुष्मांडा अवतरित हो गई हों।
5. स्कंदमाता- मोक्ष के द्वार खोलने वाली परम सुखदायी, भक्तों की समस्त इच्छाओं की पूर्ति करने वाली देवी। स्वयं रिचा शिवहरे ने स्कंदमाता का रूप धारण किया।
6. कात्यायनी- अद्भुत शक्ति का संचार करने वाली, साधक को दुश्मनों का संहार करने की शक्ति प्रदान करने वाली देवी। प्रतिभा शर्मा ने कुछ यूं धरा मां कात्यायनी का रूप।
7. कालरात्रि- अपने भक्तों को समस्य पापों से मुक्ति दिलाने वाली, तेज बढ़ाने वाली और दुश्मनों का दलन करने वाली देवी है कालरात्रि। पाखी अरोरा ने मानो कालरात्रि को साक्षात कर दिया।
8. महागौरी- महागौरी की पूजन करने से समस्त पापों का क्षय होकर कांति बढ़ती है। सुख में वृद्धि होती है। शत्रु-शमन होता है। राधिका गुप्ता ने महागौरी के रूप में अलग ही छाप छोड़ी है।
9. सिद्धिदात्री- इनकी आराधना से जातक को प्राकाम्य, वाक्-सिद्धि, अमरत्व, भावना सिद्धि आदि समस्त नव-निधियों की प्राप्ति होती है। फोटोशूट में प्रज्ञा बंसल ने सिद्धिदात्री का क्या खूब रूप धरा है।
शिवहरेवाणी से बातचीत में रिचा शिवहरे ने ग्रुप की महिलाओं का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने फोटोशूट में भाग लेकर उनका परिकल्पना का साकार किया। उन्होंने बताया कि उनका ग्रुप महिलाओं के अब मुद्दों को इसी तरह आगे भी उठाता रहेगा और समाज में महिलाओं का सम्मान पुनर्स्थापित करने का प्रयास करता रहेगा। बता दें कि रिचा शिवहरे सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी और मुरैना-भिंड संभाग के कमिश्नर रह चुके श्री अशोक शिवहरे की पुत्रवधु हैं।
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