आगरा।
होली बसंत का त्यौहार है। जिस तरह बसंत ऋतु प्रकृति में उल्लास भर देती है, उसी तरह होली का त्योहार भी समाज की उदासी को दूर कर उसमें उत्साह के रंग भर देता है। उदास मनुष्य को गतिमान करने के लिए राग और रंग जरूरी है, होली में दोनों हैं। आगरा में शिवहरे समाज की धरोहर राधाकृष्ण मंदिर में शुक्रवार को रंगभरनी एकादशी पर शिवहरे महिलाओं ने राग और रंग के हल्ले कर होली का ऐलान कर दिया।
बता दें कि होली से पांच दिन पहले रंगभरनी एकादशी के साथ ही इस पर्व का आगाज हो जाता है। लोहामंडी स्थित राधाकृष्ण मंदिर में राधाकृष्ण महिला समिति की सदस्यों ने हर वर्ष की भांति इस बार भी रंगभरनी एकदाशी पर ठाकुरजी के साथ जमकर गुलाल और फूलों की होली खेली। इस दौरान ढोल की थापों से ऊर्जित होली के सामूहिक गीतों की धुनों पूरे मंदिर परिसर को होलीमय कर दिया। राधाकृष्ण दरबार और राम दरबार को फूल और गुलाल से सराबोर कर महिलाओं ने एक-दूसरे को भी रंग लगाया।
इस दौरान रजनी चंदन शिवहरे, रजनी राजेंद्र शिवहरे, पूनम गुप्ता, नेहा शिवहरे, रिंकी शिवहरे, सीमा शिवहरे, पुष्पा शिवहरे, सीमा गुप्ता, ममता शिवहरे, अनुपम शिवहरे, गुड्डी शिवहरे और शारदा शिवहरे उपस्थित रहीं। इस दौरान राधाकृष्ण मंदिर समिति के महासचिव श्री मुकुंद शिवहरे, वरिष्ठ सदस्य श्री जगदीश गुप्ता, श्री राजेंद्र गुप्ता (मास्टरसाहब) और राजकुमार शिवहरे (गुड़वाले) भी उपस्थित रहे।
भगवान कृष्ण को पहनाई तुलसी दल की माला
राधाकृष्ण मंदिर में भगवान राधाकृष्ण ने रंगभरनी एकदाशी पर अपनी प्रिय तुलसी की माला धारण की। खास बात यह है कि जयपुरहाउस में केशवकुंज निवासी श्री रामू मिस्त्री की ओर से हर एकादशी पर भगवान राधाकृष्ण को तुलसी की माला पहनाई जाती है। श्री रामू मिस्त्री ने बताया कि आगरा में तुलसी की माला नहीं मिलती, लिहाजा हर एकदाशी पर वह वृंदावन से ताजा तुलसी दल की माला मंगवाते हैं। उनकी ओर से आस्था और श्रद्धा का यह क्रम बरसों से चला आ रहा है।
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