आगरा।
बोदला स्थित आवास विकास कालोनी में सेक्टर-7 में सतीश जायसवाल एवं ऊषा जायसवाल की ओर से आयोजित श्रीमदभागवत कथा महोत्सव के चौथे दिन शनिवार को कथावाचिका श्री राधालता किशोरीजी ने श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का अदभुत वर्णन किया। पंडाल में उपस्थित भागवत प्रेमी भगवान के जन्म की खुशी में झूम उठे, ऐसा प्रतीत हुआ कि मानो पंडाल के अंदर हजारों बरस पहले का ब्रज एक बार फिर जीवंत हो गया हो।
पूज्या श्री राधालता किशोरीजी ने कथा का प्रारंभ प्रहलाद चरित्र से किया। उन्होंने कहा कि राक्षस कुल में जन्म लेने वाला व्यक्ति भी भक्ति के मार्ग पर चलकर परमात्मा को प्राप्त कर सकता है। आध्यात्म के मार्ग पर चलने वाले व्यक्ति के लिए ईश्वर को छोड़कर सारे संबंध मिथ्या हैं। यह भी सही है कि भगवान अपने भक्त के लिए कोई भी रूप कहीं भी धारण करने को तैयार रहते हैं। नरसिंह अवतार के प्रसंग से यह बात सिद्ध होती है। इस दौरान गजेंद्र मोक्ष, वामनवतार चरित्र और समुद्र मंथन के प्रसंगों का वर्णन करते हुए राधालता किशोरीजी ने अंत में भगवान श्रीकृष्ण की प्राकट्य कथा के वर्णन कर लोगों को भक्ति भाव से सराबोर कर दिया। भगवान श्रीकृष्ण प्रकट होते हैं देवकी के गर्भ से और वासुदेव के द्वारा गोकुल पधारते हैं। सभी ब्रजवासी उनके आगमन की खुशियां मनाते हैं। धन्य है यशोदा का वात्सल्य, जिसकी गोद में त्रिलोकीनाथ स्वयं पधारे हैं। पंडाल में भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का आनंद देखते ही बन रहा था। भक्ति भाव मे विलीन महिलाएं परम-आनंद के भाव से झूम रही थीं। इस दौरान न्योछावर में टॉफियों, बिस्कुट और मेवों की बरसात हुई और बच्चों की जेबें भर गईं।
कल रविवार को श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं और गोवर्धन पूजा का वर्णन होगा। परीक्षित बने मुख्य जजमान श्री सतीश जायसवाल ने सभी समाजबंधुओं से सपरिवार पधारकर सर्वमंगलकारिणी दिव्य भागवत कथा का लाभ लेने का अनुरोध किया है। कथा में नवेंद्र गुप्ता, अशोक गुप्ता पेंटर, अभिषेक जायसवाल, आशु जायसवाल, पिंकी गुप्ता, कंचन शिवहरे, निकेता जायसवाल, दिशा जायसवाल, कुणाल, प्रिंस, वेदांश, तेजस, तान्या समेत कई समाजबंधु, परिवारीजन और भागवतप्रेमी उपस्थित रहे।
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