November 21, 2024
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बिज़नेस

Ludoking अमीरी के ख्वाब ने विकास जायसवाल को ऐसे बना दिया ‘किंग’

मुंबई। 
लूडोकिंग (Ludoking) को तो आप लोग जानते ही होंगे। वही लूडोकिंग जिसने लॉकडाउन के दिनों में भी हम लोगों को बोर नहीं होने दिया, वही लूडोकिंग जो दुनियाभर के करोड़ों मोबाइल में डाउनलोड  है। देश का नंबर-1 गेमिंग ऐप, पूरी तरह मेड-इन-इंडिया जो पूरी दुनिया में कामयाबी का परचम लहरा रहा है। तो मिलते हैं इस सक्सेस स्टोरी के हीरो विकास जायसवाल से। 
लूडोकिंग की कामयाबी कोई साधारण कामयाबी नहीं है। इसके डेली एक्टिव यूजर्स (डीएयू) 50 मिलियन से अधिक है, मासिक एक्टिव यूजर्स (एमएयू) की संख्या 185 मिलियन पार कर चुकी है। सेंसर टॉवर के मुताबिक, अकेले मार्च महीने (लॉकडाउन का पहला महीना) में लूडो किंग का रेवेन्यू 3 लाख डॉलर का रहा था। लूडोकिंग दरअसल मुंबई स्थित स्टार्टअप गेमेशन टैक्नोलॉजीज प्रा.लि. का शाहकार है, जिसके संस्थापक और सीईओ हैं विकास जायसवाल। खास बात यह है कि लूडोकिंग गेम भी विकास जायसवाल ने ही बनाया है। 

बिहार की राजधानी पटना में जन्मे और वहीं पले-बढ़े विकास जब दो साल के थे, तभी पिता का साया सर से उठ गया। जैसा कि विकास कहते हैं, जब वह बड़े हुए तो किसी ने नहीं पूछा कि वह क्या बनना चाहते हैं, और ना ही उन्होंने किसी को बताया। सिर्फ वही जानते थे, कि वह अमीर आदमी बनना चाहते हैं। यही ख्वाब देखते थे। विकास का कहना है कि बड़े होने के साथ उन्हें पता चला कि आईटी इंजीनियर खूब कमा लेते हैं, और यही सोचकर उन्होंने कंप्यूटर इंजीनियरिंग बनने की ठान ली। दानापुर के बल्देव कालेज से हाईस्कूल और इंटर करने के बाद उन्होंने महाराष्ट्र के मराठवाड़ा कालेज में इंजीनियरिंग में दाखिला किया।  विकास बताते हैं कि डिजिटल गेम्स के शौक उन्हें बचपन से रहा है। इंजीनियरिंग ज्वाइन करने के बाद उनकी मां और भाई ने उनके लिए किसी तरह एक कंप्यूटर का इंतजाम किया। 90 के दशक में किसी छात्र के पास अपना कंप्यूटर होना बहुत बड़ी बात होती थी। बकौल विकास, ‘मेरे हॉस्टल में मेरे सभी साथी दोस्त कंप्यूटर पर फिल्में देखते थे या गाने सुनते थे, और मैं इस पर पढ़ाई करता था जिसके चलते मैं हॉस्टल में कंप्यूटर का सबसे बड़ा जानकार माना जाने लगा।’
हॉस्टल के दिनों में विकास कंप्यूटर मैगजीन्स के साथ फ्री मिलने वाले सॉफ्टवेयर को चलाकर उनके बारे में गहराई से पता करते थे। एक बार विकास ने अपना गेम बनाने की सोची और रातभर में एग्गी ब्वॉय (Eggy Boy) नाम का सॉफ्टवेयर डेवलप कर लिया, जो एक वीडियो गेम था। खास बात यह है कि इसे विभिन्न कंप्यूटर मैगजीन्स ने ‘गेम ऑफ द मंथ’ के खिताब से नवाजा। 
एग्गी ब्वॉय इस सफलता से रोमांचित विकास ने गेमिंग कंपनी के साथ काम करने का फैसला किया। वह साइबरकैफे गए और विभिन्न गेमिंग कंपनियों को अपना सीवी भेज दिया। जल्द ही उन्हें मुंबई स्थित इंडियागेम्स कंपनी में जॉब मिल गया। विकास का मानना है कि यही उनके जीवन का टर्निंग प्वाइंट था। विकास ने इस कंपनी में चार साल काम किया, और साथ में विभिन्न वेबसइट्स भी चलाते थे। 
उस समय गूगल एडसेंस एक नई चीज थी। विकास पैसा कमाने के लिए विभिन्न गेमिंग कंटेंट वेबसाइट क्रियेट करते थे। जब इस तरह की ब्लॉगमनी उसके वेतन की राशि के बराबर हो गई, तो उन्होंने जॉब छोड़ दी और स्वतंत्र रूप से गेम्स व वेबसाइट्स डेवलप करना शुरू कर दिया। 
2010 में विकास ने औपचारिक तौर पर गेमेशन की शुरूआत की। उन्होंने अपनी सेविंग के 2 लाख रुपये की शुरूआती पूंजी से कंपनी शुरू की। नवी मुंबई के खारघर में एक छोटा सा ऑफिस खोला जिसमें कुछ कंप्यूटर्स और छह टीम मेंबर साथ थे। 
2013 में विकास को लगा कि अभी तो मंजिल पाने के लिए बहुत कुछ करना है। उन्होंने मोबाइल गेमिंग के उभरते ट्रेंड्स का अध्ययन करना शुरू किया, और इसी दौरान लूडोकिंग के विचार ने आकार लिया। लूडोकिंग औपचारिक तौर पर 2016 में लांच हुआ। मजे की बात यह कि तभी से यब गेमिंग चार्ट्स में टॉप जगह बनाता आ रहा है। 
वर्ष के विकास उस एकमात्र भारतीय गेम के क्रियेटर हैं जो पिछले दो सालों मे टॉप पर रहे हैं। स्थिति यह है कि लूडो किंग ने कैंडी क्रश सागा, पबजी, क्लैश ऑफ क्लैन्स, सबवे सर्फर्स, टेंपल रन, और अन्य गेम्स को बहुत पीछे छोड़ दिया है। आज स्थिति यह है कि जाने-माने अभिनेता सोनू सूद गेमेशन टैक्नोलॉजीज के ब्रांड अंबेसडर हैं।

वर्तमान में विकास के पास 70-100 लोगों की मजबूत टीम है औऱ वह अपनी सफलता का श्रेय भी अपनी टीम को देते हैं जिसमें उनकी पत्नी श्रीमती सोनी जायसवाल भी हैं। सोनी जायसवाल कंपनी का प्रबंधन और कैरमकिंग जैसे अन्य गेम्स भी देखती हैं। सोनी भी पटना की हैं और पटना वीमन कॉलेज से आईटी इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। विकास से उनका विवाह 2005 में हुआ था। उनके दो बच्चे हैं, एक बेटी और एक बेटा।

 

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