आगरा।
आगरा में शिवहरे समाज की शान ‘दाऊजी मंदिर’ का फव्वारा लंबे समय बाद अंततः चालू हो गया। दाऊजी पूनो की पूर्व संध्या पर फव्वारे की धारों और फुहारों ने मंदिर की भव्यता पर चार चांद लगा दिए हैं। कल 18 दिसंबर को दाऊजी की पूनो पर पूजा-अर्चना के लिए आने वाले समाजबंधुओं को मंदिर में हर ओर दाऊजी महाराज की कृपा के नजारे होंगे।
मंदिर प्रांगण में यह फव्वारा स्व. श्री गोपीचंदजी शिवहरे की ओर से विक्रम संवत 2002 यानी 1945 ईस्वी में कराया था। यह फव्वारा काफी समय बंद पड़ा था। मौजूदा युवा पीढ़ी ने तो कभी इसे चलते हुए देखा भी नहीं होगा। लेकिन मौजूदा मंदिर प्रबंध समिति ने फव्वारे को दुबारा चालू करने का बीड़ा उठाया और इस कार्य में स्व. श्री गोपीचंदजी शिवहरे की पौत्रवधु श्रीमती गीता शिवहरे पत्नी स्व. श्री शरद शिवहरे ने आगे बढ़कर सहयोग किया। फव्वारे की सफाई, मरम्मत के बाद कांट्रेक्टर श्री अविरल गुप्ता की टीम ने शनिवार को इसके वाटर फ्लो, सप्लाई और लाइटिंग सिस्टम को स्थापित कर इसे शुरू कर दिया। शनिवार की शाम हनुमानजी पर सिंदूरी चोला चढ़ाने पहुंचे कार्यकारिणी सदस्यों के लिए मंदिर का फव्वारा चलते हुए देखना एक सुखद एहसास था। इस फव्वारे का चालू होना मंदिर जीर्णोद्धार के द्वितीय चरण की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि और कार्य माना जा सकती है।
कल दाऊजी पूनो पर मंदिर परिसर अपने नए और भव्य रूप में श्रद्धालुओं का स्वागत करेगा। पूरे मंदिर में फूलों की सजावट की जा रही है। मंदिर के सभी दरबार नव्यता और भव्यता में होंगे। सभी देव स्वरूपों को पीले रंग की एकजैसी पोशाक धारण कराई गई है। आज शाम हनुमानजी को सिंदूरी चोला भी चढ़ा दिया गया। मंदिर परिसर में पत्थर की पच्चीकारी युक्त दीवारें साफ-सुथरी कर दी गई हैं। दीवारों और ताखों पर व्हाइट, गोल्डन और लेमन यलो कलर की पुताई से पूरा प्रांगण जगमग हो गया है। और भी बहुत कुछ नया है, जिसके नजारे के लिए दाऊजी पूनो को मंदिर आना ही होगा।
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