November 22, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाचार

दाऊजी मंदिर में हनुमान की बल बुद्धि का गान करेंगे राम…साल के पहले मंगलवार को सुंदरकांड का पाठ

शिवहरे वाणी नेटवर्क
आगरा।
वर्ष 2020 संपूर्ण समाज के लिए मंगलकारी हो, इस कामना के साथ शिवहरे समाज एकता ने परिषद साल के पहले मंगलवार यानी 7 जनवरी को  सुंदरकांड के पाठ का आयोजन किया। आगरा में शिवहरे समाज की प्रमुख धरोहर मंदिर श्री दाऊजी महाराज में 'हनुमानभक्त'  कुलभूषण गुप्ता रामभाई दोपहर 12 बजे से सुंदरकांड के सभी तीन श्लोकों, साठ दोहों और 526 चौपाइयों को सुर, लय और ताल में पिरोकर प्रस्तुत करेंगे। सुंदरकांड के समापन पर प्रसाद वितरित किया जाएगा। शिवहरे समाज एकता परिषद ने सभी समाजबंधुओं क सुंदरकांड के श्रवण का लाभ लेने का अनुरोध किया है। 

admin
क्या है सुंदरकांड
हनुमानजी, माता सीता की खोज में लंका गए थे जो त्रिकुटाचल पर्वत पर बसी हुई थी। त्रिकुटाचल पर्वत दरअसल तीन पर्वत थे, पहला सुबैल पर्वत था जहां के मैदान में युद्ध हुआ था। दूसरा था नील पर्वत, जहां राक्षसों के महल बसे हुए थे

admin

और तीसरे पर्वत का नाम है सुंदर पर्वत, जहां अशोक वाटिका थी। इसी वाटिका में हनुमानजी और सीताजी की भेंट हुई थी जो इस कांड की सबसे प्रमुख घटना थी। इसलिए इसका नाम सुंदरकांड रखा गया है। 

admin
शुभ है सुंदरकांड का श्रवण
शुभ कार्यों की शुरुआत से पहले गोस्वामी तुलसीदासजी द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस के सुंदरकांड के पाठ का विशेष महत्व है। माना जाता है कि जीवन में ज्यादा परेशानियां हो, कोई काम नहीं बन पा रहा हो या फिर आत्मविश्वास की कमी हो या कोई और समस्या हो तो सुंदरकांड के पाठ से शुभ फल प्राप्त होने लग जाते हैं। 

admin
सफलता का मंत्र है सुंदरकांड 
माना जाता है कि सुंदरकांड के पाठ में बजरंगबली की कृपा बहुत ही जल्द प्राप्त हो जाती है। जो लोग नियमित रूप से सुंदरकांड का पाठ करते हैं, उनके सभी दुख दूर हो जाते हैं। इसमें हनुमानजी ने अपनी बुद्धि और बल से सीता की खोज की है। इसी वजह से सुंदरकांड को हनुमानजी की सफलता के लिए याद किया जाता है।

admin
मिलता है आत्मविश्वास
वास्तव में श्रीरामचरितमानस के सुंदरकांड की कथा सबसे अलग है। संपूर्ण श्रीरामचरितमानस भगवान श्रीराम के गुणों और उनके पुरुषार्थ को दर्शाती हैं। सुंदरकांड एकमात्र ऐसा अध्याय है जो श्रीराम के भक्त हनुमान की विजय का है। मनोवैज्ञानिक नजरिए से देखा जाए तो यह आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति बढ़ाने वाला कांड है। सुंदरकांड के पाठ से व्यक्ति को मानसिक शक्ति प्राप्त होती है, किसी भी कार्य को पूर्ण करने के लिए आत्मविश्वास मिलता है।
admin

Leave feedback about this

  • Quality
  • Price
  • Service

PROS

+
Add Field

CONS

+
Add Field
Choose Image
Choose Video