May 14, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
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गरीब बहनों को मिल गया डीएसपी भाई; पढ़ाने का दिया वचन; अंधी बहन की आंखों में रोशनी लौटाएगा अंकित जायसवाल

चंदौली।
रक्षाबंधन भाई-बहन के पवित्र प्रेम का पर्व है। इससे फर्क नहीं पड़ता कि बहन सगी या मुंहबोली, बस किसी को बहन मान लेना ही काफी है इस महान रिश्ते को निभाने के लिए। चंदौली में रक्षाबंधन पर दो दिल छू लेने वाले वाकये हुए। अंकित जायसवाल नाम के एक युवक ने एक दृष्टिहीन बालिका से राखी बंधवाई औऱ बदले में उसे आंखों की रोशनी लौटाने का वादा किया। वहीं, एक दिव्यांग जायसवाल व्यक्ति की दो बेटियों ने डीएसपी अनिरुद्ध सिंह को राखी बांधी, तो डीएसपी ने दोनों बहनों को वचन दिया कि वह उनकी पढ़ाई में कोई कमी नहीं होने देंगे, हर हाल में उन्हें बीएड कराएंगे और फिर उनके हाथ भी पीले करेंगे।

दूसरा वाकया पहले। चंदौली का कस्बा है सकलडीहा। यहां के डीएसपी हैं अनिरुद्ध सिंह, जो शिखा यादव नाम की अपनी मुंहबोली बहन की शादी कराने के लिए चर्चित रहे हैं। शिखा यादव रक्षाबंधन पर कस्बे में रहने वाली अपनी दो सहेलियों ज्योति जायसवाल और साधना जायसवाल को भी साथ लेकर आई। ज्योति और साधना सगी बहने हैं, उनके पिता कौशल जायसवाल दिव्यांग हैं, छोटा-मोटा काम कर लेते हैं लेकिन कमाई पर्याप्त नहीं हैं, लिहाजा पूरा परिवार गरीबी की जद में है। ज्योति और साधना ने जैसे-तैसे बीए कर लिया, अब बीएड करना चाहती हैं लेकिन आर्थिक हालात इसकी इजाजत नहीं देते। शिखा यादव को यह बात पता चला तो रक्षाबंधन पर दोनों सहेलियों को अपने मुंहबोले भाई डीएसपी अनिरुद्ध सिंह के यहां ले गईं। शिखा तो हर साल उन्हें राखी बांधती है, इस बार ज्योति और साधना भी उनके लिए राखी लाई थीं। डीएसपी अनिरुद्ध सिंह ने दोनों बहनों से राखी बंधवाई और उन्हें वचन दिया कि उनकी पढ़ाई-लिखाई में कोई कमी नहीं आने देंगे, उन्हें बीएड कराएंगे और फिर उनकी शादी भी पूरा सहयोग करेंगे। डीप्टी एसपी के इस वचन से वहां मौजूद कौशल जायसवाल की आंखें भर आईं, चेहरे पर राहत भी थी कि उसकी बेटियों को एक भाई मिल गया, जो उनका ख्याल रखेगा। 

इसी तरह की एक अन्य घटना चंदौली के ही बगही गांव की है। नवयुवक जन सेवा समिति सैयदराजा के अध्यक्ष अंकित जायसवाल रक्षाबंधन के दिन सदर तहसील के बगही गांव गए और वहां वनवासी बस्ती में रहने वाली सरोज नाम की एक बालिका से राखी बंधवाई। सरोज जन्म से दृष्टिहीन है। समाज सेवा के दौरान कई बार बगही गांव में अंकित का आना जाना हुआ था, इसी दौरान उन्होंने सरोज को अपनी मुंह बोली बहन बनाया था। उसी रिश्ते को निभाने का दिन रक्षाबंधन आया तो अंकित सरोज के पास पहुंच गए। सरोज ने उन्हें राखी बांधी। अंकित ने उसे ढेर सारे उपहार दिए और भरोसा दिलाया कि वह उसकी आंखों की रोशनी लौटाएगा और वह फिर से दुनिया देख पाएगी।
अंकित जायसवाल ने बताया कि इस वर्ष जाड़े के मौसम में बहन की आँख नव युवक जनसेवा समिति के माध्यम से बनवाएगा। सभी के आशीर्वाद से जल्द ही बहन की आँख में रोशनी लौटेगी। अंकित का कहना है कि हर वर्ष किसी ज़रूरत मंद बहन से राखी बँधवाकर ये संकल्प लेना चाहिए कि उसके हर परिस्थिति में उसका साथ देना है। 
 

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