May 14, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
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दाऊजी मंदिर में 23 अप्रैल को धूमधाम से मनाया जाएगा हनुमान जन्मोत्सव; फूलबंगला, सुंदरकांड, हवन-यज्ञ और भंडारा

आगरा।
परम रामभक्त, परमवीर, विजितेंद्रीय, सर्वरोगहरा, अंजनिसुत, कपीश्वर, हनूमत जैसे 108 नामधारी पवनपुत्र हनुमान जी का जन्मोत्सव इस बार मंगलवार 23 मार्च को मनाया जा रहा है। इस अवसर पर आगरा में शिवहरे समाज की प्रमुख धरोहर मंदिर श्री दाऊजी महाराज के हनुमानजी नया चोला धारण कर फूलबंगले में मनोहारी दर्शन प्रदान करेंगे, दरबार में सुबह 10 बजे से सुंदरकांड व हवन-यज्ञ होगा, दोपहर 12 बजे महाआरती और विशाल भंडारे का आयोजन किया गया है।
यह आयोजन दाऊजी मंदिर प्रबंध समिति के संरक्षक एवं पूर्व अध्यक्ष श्री भगवान स्वरूप शिवहरे एवं उनके परिवार की ओर से कराया जा रहा है। श्री भगवान स्वरूप शिवहरे ने सभी समाजबंधुओं से सुंदरकांड एवं भवन में भाग लेने और प्रसाद प्राप्त करने का अनुरोध किया है। मंदिर अध्यक्ष श्री बिजनेश शिवहरे ने भी समस्त समाजबंधुओं से इस पावन अनुष्ठान में आहुति प्रदान करने और प्रसाद ग्रहण करने का आग्रह किया है।

आपको बता दें कि दाऊजी मंदिर के लिए हनुमान जन्मोत्सव इसलिए भी विशेष पर्व है, क्योंकि हनुमानजी समाज की इस धरोहर के सबसे प्राचीन देव हैं। बल्कि मंदिर के निर्माण के पहले से यहां विराजमान हैं। सदरभट्टी चौराहे पर मंदिर का निर्माण वर्ष 1893 (तार्किक अनुमान के आधार पर) में हुआ था। इससे पहले इस जगह अखाड़ा हुआ करता था, और मंदिर के हनुमानजी उसी अखाड़े में उसी जगह विराजमान थे, जिस जगह आज विराजमान हैं। कुछ लोगों का दावा है कि वह अखाड़ा भी मंदिर निर्माण शुरू होने के करीब सौ साल पहले से चला आ रहा था, हालांकि इसका कोई पुख्ता साक्ष्य नहीं है। फिर भी, अगर इस दावे को मान लें तो मंदिर में स्थापित हनुमानजी की प्रतिमा कम से कम 250 वर्ष पुरानी तो है ही।


श्री भगवान स्वरूप शिवहरे और अनका परिवार गत आठ वर्षों से चैत्र पूर्णिमा को हनुमान जन्मोत्सव धूमधाम से मनाता आ रहा है। 2015 में दाऊजी मंदिर समिति का अध्यक्ष निर्वाचित होने के पश्चात श्री भगवान स्वरूप शिवहरे ने अप्रैल, 2016 को हनुमान जन्मोत्सव का पहला आयोजन किया था। तब से हर वर्ष यह आयोजन उनके परिवार की ओऱ से होता आ रहा है।
मंदिर के महंत डा. रामदास आचार्य ‘रामू पंडितजी’ ने बताया पंचांग के अनुसार चैत्र पूर्णिमा के तिथि 23 अप्रैल 2024 को सुबह 3:25 बजे से शुरू होगी, और 24 अप्रैल 2024 को सुबह 5:18 बजे समाप्त होगी। इस समयकाल में पूरे दिन शुभ मुहूर्त रहेगा। मंदिर में सुबह 10 बजे से सुंदरकांड पाठ के साथ हवन-यज्ञ होगा।

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